Two batteries of emf's \(3V \& 6V\) and internal resistances 0.2 Ω \(\&\) 0.4 Ω are connected in parallel. This combination is connected to a 4 Ω resistor. Find:
(i) the equivalent emf of the combination
(ii) the equivalent internal resistance of the combination
(iii) the current drawn from the combination
For two batteries connected in parallel, the equivalent emf \( E_{\text{eq}} \) and equivalent internal resistance \( r_{\text{eq}} \) are given by: \[ E_{\text{eq}} = \frac{E_1 r_2 + E_2 r_1}{r_1 + r_2} \] \[ r_{\text{eq}} = \frac{r_1 r_2}{r_1 + r_2} \] Given:
\( E_1 = 3 \, \text{V} \), \( r_1 = 0.2 \, \Omega \)
\( E_2 = 6 \, \text{V} \), \( r_2 = 0.4 \, \Omega \)
(i) Equivalent emf: \[ E_{\text{eq}} = \frac{(3 \times 0.4) + (6 \times 0.2)}{0.2 + 0.4} = \frac{1.2 + 1.2}{0.6} = \frac{2.4}{0.6} = 4 \, \text{V} \]
(ii) Equivalent internal resistance: \[ r_{\text{eq}} = \frac{0.2 \times 0.4}{0.2 + 0.4} = \frac{0.08}{0.6} = 0.133 \, \Omega \]
(iii) Current drawn from the combination: The total resistance of the circuit is: \[ R_{\text{total}} = r_{\text{eq}} + R = 0.133 + 4 = 4.133 \, \Omega \] The current \( I \) is: \[ I = \frac{E_{\text{eq}}}{R_{\text{total}}} = \frac{4}{4.133} = 0.968 \, \text{A} \] ---
In the given circuit, the potential difference across the plates of the capacitor \( C \) in steady state is
संचार का सबसे पुराना और लोकप्रिय माध्यम होने पर भी समाचार-पत्रों की तुलना में टी.वी. की लोकप्रियता का कारण लिखिए। (शब्द सीमा — लगभग 40 शब्द)
धरती के तापमान में वृद्धि के लिए ‘अपना मालवा खाओ–उजाड़ सभ्यता में….’ पाठ में किसे जिम्मेदार ठहराया गया है? क्या इस तापमान वृद्धि में हमारी भी कोई भूमिका है? हम धरती के तापमान को नियंत्रित कैसे रख सकते हैं?
‘इसे सेस, सारथी भी नहीं बचा सकतें’ - ‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ में यह कथन किस संदर्भ में कहा गया है? इसका क्या आशय है? इस संदर्भ में अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
झोंपड़ी जला दिए जाने के बाद भी सूरदास का किसी से प्रतिशोध न लेना, उसके स्वभाव की किस विशेषता को दर्शाता है? सूरदास जैसे चरित्र की वर्तमान समय में क्या प्रासंगिकता है? स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
नाम बड़ा है या रूप? पद पहले है या पदार्थ?
पदार्थ सामने है, पद नहीं सूझ रहा है।
मन व्याकुल हो गया।
स्मृतियों के पंख फैलाकर सुदूर अतीत के कोनों में झाँकता रहा।
सोचता हूँ इसमें व्याकुल होने की क्या बात है?
नाम में क्या रखा है – 'बाह्यद देस्सर इन द नेम'!
नाम की ज़रूरत ही हो तो सौ दिए जा सकते हैं।
सुस्मिता, गिरिकांता धरतीधकेल, पहाड़फोड़, पातालभेद!
पर मन नहीं मानता।
नाम इसलिए बड़ा नहीं है कि वह नाम है।
वह इसलिए बड़ा होता है कि उसे सामाजिक स्वीकृति मिली होती है।
रूप व्यक्ति सत्य है, नाम समाज सत्य।
नाम उस पद को कहते हैं जिस पर समाज की मुहर लगी होती है।
आधुनिक शिक्षित लोग जिसे ‘सोशल सेन्शन’ कहते हैं।