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लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए : सुमित्रानन्दन पन्त 
 

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सुमित्रानन्दन पन्त का जीवन-परिचय लिखते समय 'प्रकृति का सुकुमार कवि' और 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' का उल्लेख करना न भूलें। ये उनके परिचय के महत्वपूर्ण अंग हैं।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

जीवन-परिचय:
प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानन्दन पन्त का जन्म सन् 1900 ई. में अल्मोड़ा जिले के कौसानी नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम गंगादत्त पन्त था। जन्म के कुछ घंटों बाद ही इनकी माता का देहान्त हो गया, अतः इनका लालन-पालन प्रकृति की गोद में ही हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव में तथा उच्च शिक्षा प्रयाग में हुई। इन्होंने असहयोग आन्दोलन से प्रभावित होकर कॉलेज छोड़ दिया और घर पर ही स्वाध्याय किया। इन्हें 'चिदम्बरा' काव्य-ग्रन्थ पर 'भारतीय ज्ञानपीठ' पुरस्कार मिला। भारत सरकार ने इन्हें 'पद्मभूषण' की उपाधि से सम्मानित किया। सन् 1977 ई. में इनका निधन हो गया। साहित्यिक योगदान:
पन्त जी छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक हैं। इन्हें 'प्रकृति का सुकुमार कवि' कहा जाता है क्योंकि इन्होंने प्रकृति का अत्यंत कोमल और सजीव चित्रण किया है। इनकी काव्य-यात्रा छायावाद, प्रगतिवाद और अरविन्द-दर्शन से प्रभावित रही है। प्रमुख रचना:
चिदम्बरा (कविता-संग्रह) - इस पर इन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त वीणा, पल्लव, गुंजन और लोकायतन (महाकाव्य) इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
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