Question:

‘सूरदास की झोंपड़ी’ से उद्धृत कथन “हम सो लाख बार घर बनाएँगे” के सन्दर्भ में स्पष्ट कीजिए कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक सोच का होना क्यों अनिवार्य है। 
 

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“सकारात्मक सोच” को केवल भावना नहीं — व्यवहार में उतारने वाली शक्ति के रूप में प्रस्तुत करें।
Updated On: Jul 21, 2025
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Solution and Explanation

यह कथन आशा, आत्मबल और जीवटता का प्रतीक है। सूरदास की झोंपड़ी भले ही उजड़ जाती है, लेकिन उनका संकल्प अडिग है — “हम लाख बार घर बनाएँगे”।
यह सकारात्मक सोच हमें जीवन की कठिनाइयों से जूझने का संबल देती है।
जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, परंतु जो व्यक्ति विफलताओं से डरता नहीं, बल्कि उनसे सीखकर पुनः खड़ा होता है, वही आगे बढ़ता है।
सूरदास जैसे चरित्र हमें सिखाते हैं कि केवल सुविधाएँ नहीं, बल्कि साहस और सकारात्मक दृष्टि जीवन निर्माण की असली नींव हैं।
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