चरण 1: विद्वान की पहचान। 
सर हेनरी मेन (Henry Maine), पुस्तक Ancient Law के लेखक, प्रारम्भिक समाज और क़ानून के विकास पर लिखते हैं। वे मानते हैं कि समाज की मूल इकाई पितृसत्तात्मक परिवार था, जिसके मुखिया पितृ के हाथ में अधिकार केन्द्रित था। 
चरण 2: सिद्धान्त का निचोड़। 
उनके अनुसार आरम्भिक सामाजिक संगठन status से contract की ओर बढ़ा—पहले व्यक्ति का स्थान जन्म/कुल से तय होता था; आगे चलकर अनुबंध/क़ानून से। इस ढाँचे में वंशानुक्रम, संपत्ति और अधिकार पितृवंश से चलते हैं, इसलिए मेन का नाम पितृसत्तात्मक सिद्धान्त से जोड़ा जाता है। 
चरण 3: अन्य विकल्प क्यों नहीं। 
(2) मातृसत्तात्मक परिवार का संबन्ध बाखोफ़ेन/मैकलेनन जैसी परम्पराओं से जोड़ा जाता है। (3) यौन साम्यवाद मॉर्गन आदि की परिकल्पना का हिस्सा है। (4) मातृस्थानिय निवास-नियम है, सिद्धान्त नहीं; मेन इसका प्रवर्तक नहीं। 
निष्कर्ष: सर हेनरी मेन मुख्यतः पितृसत्तात्मक सिद्धान्त से सम्बन्धित हैं।