Question:

सिनेमा, रंगमंच और रेडियो नाटक में क्या अंतर है? 
 

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माध्यम की प्रकृति के अनुसार उसकी प्रस्तुति की शैली और प्रभावशैली भिन्न होती है — यही तुलना की कुंजी है।
Updated On: Jul 30, 2025
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Solution and Explanation

सिनेमा, रंगमंच और रेडियो नाटक तीनों ही नाट्य अभिव्यक्ति के सशक्त माध्यम हैं, लेकिन इनकी प्रस्तुति, तकनीक और प्रभाव की विधियाँ भिन्न होती हैं।
**सिनेमा** में दृश्य और श्रव्य दोनों माध्यमों का प्रयोग होता है। यह पहले से रिकॉर्ड किया गया होता है और तकनीकी संपादन से परिपूर्ण होता है। दर्शकों को बड़े परदे पर दृश्य प्रभाव, कैमरा ऐंगल, पृष्ठभूमि संगीत और विशेष प्रभावों के माध्यम से एक यथार्थ का भ्रम दिया जाता है।
**रंगमंच** जीवंत प्रस्तुति का माध्यम है। इसमें अभिनेता दर्शकों के सामने मंच पर अभिनय करते हैं, जिससे संवाद और अभिनय में तात्कालिकता होती है। इसकी सुंदरता इस बात में है कि कलाकार दर्शकों की प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया के साथ कार्य करते हैं।
**रेडियो नाटक** केवल श्रव्य माध्यम है, जिसमें ध्वनि, संवाद और पृष्ठभूमि संगीत के ज़रिए श्रोता के मस्तिष्क में दृश्य कल्पना उत्पन्न की जाती है। इसमें शब्दों का चयन और ध्वनि प्रभाव अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं क्योंकि दृश्य उपस्थित नहीं होते।
इन तीनों में सिनेमा तकनीकी रूप से सबसे परिष्कृत, रंगमंच सबसे जीवंत और रेडियो नाटक सबसे कल्पनाशील माध्यम है।
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