Question:

शिरीष के माध्यम से लेखक ने कालजयी अवधूत की भाँति विपरीत परिस्थितियों में भी अविचल खड़े रहने की प्रेरणा दी है। स्पष्ट कीजिए। 
 

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प्रतीकात्मक उत्तरों में वृत्तांत और भाव दोनों को जोड़कर स्पष्टता और गहराई से लिखना चाहिए।
Updated On: Jul 30, 2025
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Solution and Explanation

शिरीष एक ऐसा वृक्ष है जो विषम परिस्थितियों, आँधियों और तूफ़ानों में भी दृढ़ता से खड़ा रहता है। उसकी कोमलता और झुकने की प्रवृत्ति उसे टूटने से बचाती है। लेखक ने इस वृक्ष के माध्यम से उस कालजयी अवधूत का प्रतीक खींचा है जो अपने आत्मबल और संयम के आधार पर हर संकट को पार करता है।
लेखक बताना चाहता है कि जीवन की कठिनाइयाँ हमें हिलाकर रख सकती हैं, परंतु जो व्यक्ति भीतर से लचीला, शांत और धैर्यवान होता है, वही दीर्घकाल तक खड़ा रह सकता है। शिरीष का सौंदर्य उसकी कोमलता में नहीं, बल्कि उसकी स्थायित्व में है।
इस प्रकार, शिरीष वृक्ष हमें विपरीत परिस्थितियों में भी विचलित न होकर अपने आत्मबल के सहारे खड़े रहने की प्रेरणा देता है। वह बताता है कि भीतर से मज़बूत बने रहना ही कालजयी बनना है।
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