Question:

‘सरोज-स्मृति’ कविता के आधार पर पुत्री के असमय देहांत के पश्चात कवि पिता की मनःस्थिति का वर्णन कीजिए। 
 

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‘सरोज-स्मृति’ में कवि की वेदना करुणा के साथ-साथ आत्मसंयम का भी संदेश देती है।
Updated On: Jul 30, 2025
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Solution and Explanation

‘सरोज-स्मृति’ कवि मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित एक करुणामयी कविता है, जिसमें वे अपनी पुत्री सरोज की अकाल मृत्यु के उपरांत अपनी वेदना को व्यक्त करते हैं।
पुत्री के असमय निधन से कवि का मन शोक, पीड़ा और आत्मग्लानि से भर जाता है। वे बार-बार ईश्वर की न्यायप्रियता पर प्रश्न उठाते हैं और अपने को उत्तरदायी मानते हैं।
कवि इस असहनीय दुःख को न केवल व्यक्तिगत क्षति के रूप में देखते हैं, बल्कि उसे जीवन-दर्शन से जोड़ते हुए आत्मबल और धैर्य की परीक्षा मानते हैं।
उनकी पीड़ा में आत्मानुशासन का भाव है — वे आँसू नहीं बहाते, बल्कि स्मृति में सरोज की छवि को जीवित रखते हैं।
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