Question:

“सरोज–स्मृति” कविता एक भाग्यहीन पिता के पुत्री के प्रति कुछ न कर पाने की व्यथा है। 
इस कथन की पुष्टि कीजिए।

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व्याख्या आधारित उत्तर में कवि की भावनाओं, युगीन सन्दर्भ और व्यक्तिगत संघर्षों को जोड़ने से उत्तर अधिक प्रभावशाली बनता है।
Updated On: Jul 22, 2025
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Solution and Explanation

‘सरोज-स्मृति’ हिंदी साहित्य के युगप्रवर्तक कवि माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा लिखित एक हृदयस्पर्शी कविता है। यह रचना एक पिता की संवेदना को दर्शाती है, जो अपनी पुत्री सरोज के असमय निधन पर शोकाकुल है।
कवि ने अपने आप को एक असहाय पिता के रूप में प्रस्तुत किया है, जो अपने जीवन में बहुत कुछ कहना, करना और देना चाहता था, किंतु नियति के आगे विवश रह गया।
कविता में यह पीड़ा स्पष्ट है कि वह अपनी पुत्री के लिए सपनों का संसार रच रहा था, परंतु वह उसे पूर्णतः साकार न कर सका। यह उस पिता की व्यथा है जो अपने बच्चे के जीवन में सार्थक योगदान देना चाहता था लेकिन केवल शोक की स्मृति बनकर रह गया।
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