Comprehension

सामने टिकते नहीं वनराज, पर्वत डोलते हैं, काँपता है कुंडली मारे समय का व्याल, मेरी बाँह में मारुत, गरुड़, गजराज का बल है मर्त्य मानब की विजय का तूर्य हूँ मैं, उर्वशी ! अपने समय का सूर्य हूँ मैं । अंध तम के भाल पर पावक जलाता हूँ बादलों के सीस पर स्यंदन चलाता हूँ ।

Question: 1

किसके सामने 'समय का व्याल' काँप जाता है ?

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'समय का व्याल' का तात्पर्य कालचक्र से है, जो उस व्यक्ति के सामने भयभीत हो जाता है, जो साहस और आत्मबल से परिपूर्ण हो।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

'समय का व्याल' उस व्यक्ति के सामने काँप जाता है, जो अदम्य साहस, पराक्रम और शक्ति का प्रतीक है। पद्यांश में कवि ने व्यक्ति के आत्मबल और दृढ़ निश्चय को दर्शाया है, जिसके सामने समय की कठिनाइयाँ और विपरीत परिस्थितियाँ भी हार मान लेती हैं।
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Question: 2

उपर्युक्त पद्यांश के पाठ और रचयिता का नाम लिखिए ।

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रामधारी सिंह 'दिनकर' की कविताएँ ओजस्वी और वीर रस से भरपूर होती हैं, जिनमें राष्ट्रप्रेम और आत्मगौरव का भाव प्रकट होता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

उपर्युक्त पद्यांश 'उर्वशी' नामक काव्य से लिया गया है, जिसके रचयिता रामधारी सिंह 'दिनकर' हैं। इस काव्य में वीरता, आत्मगौरव और मानव की शक्ति का चित्रण किया गया है।
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Question: 3

वनराज' और 'स्पंदन' शब्दों के अर्थ लिखिए ।

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'वनराज' शब्द शक्ति और पराक्रम का प्रतीक है, जबकि 'स्पंदन' किसी क्रिया की अनुभूति या परिवर्तन को दर्शाता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

- वनराज: इसका अर्थ 'जंगल का राजा' अर्थात 'सिंह' होता है। यह शब्द शौर्य और शक्ति का प्रतीक है।
- स्पंदन: इसका अर्थ 'हलचल' या 'कंपन' होता है, जो किसी भाव या स्थिति में गति या परिवर्तन को दर्शाता है।
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Question: 4

अंध तम के भाल पर पावक जलाता हूँ' - इसका आशय स्पष्ट कीजिए ।

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'अंध तम' अज्ञानता और अन्याय का प्रतीक है, जबकि 'पावक' प्रकाश और सत्य का प्रतीक है, जो अंधकार को मिटाता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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इस पंक्ति का आशय यह है कि कवि स्वयं अज्ञान और अंधकार के विरुद्ध प्रकाश और सत्य का प्रतीक बनकर खड़ा है। 'अंध तम' अज्ञानता, अन्याय और बाधाओं का प्रतीक है, जबकि 'पावक जलाना' सत्य और ज्ञान का प्रसार करना दर्शाता है। कवि यह कहना चाहते हैं कि वे अपने समय में सत्य और प्रकाश को स्थापित करने के लिए संकल्पित हैं।
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Question: 5

रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

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इस पद्यांश में ओजस्वी भाव और वीर रस की प्रधानता है, जो संघर्ष और आत्मगौरव की भावना को व्यक्त करता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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रेखांकित अंश में कवि ने वीरता, आत्मगौरव और आत्मबल का गुणगान किया है। कवि स्वयं को अजेय और अपने समय का सूर्य मानते हैं, जो समाज में प्रकाश और ऊर्जा का संचार करता है। यह पंक्तियाँ मानव की शक्ति और संघर्षशीलता को दर्शाती हैं, जो हर विपत्ति को मात देकर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देती हैं।
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