Comprehension

रवीन्द्रनाथ ने इस भारतवर्ष को 'महामानव समुद्र' कहा है । विचित्र देश है यह ! असुर आये, - न जाने कितनी मानव-जातियाँ आये, शक आये, हूण आये, नाग आये, यक्ष आये, गंधर्व आये यहाँ आयीं और आज के भारतवर्ष को बनाने में अपना हाथ लगा गयीं। जिसे हम हिन्दू रीति-नीति कहते हैं, वह अनेक आर्य और आर्येतर उपादानों का मिश्रण है। एक-एक पशु, एक-एक पक्षी न जाने कितनी स्मृतियों का भार लेकर हमारे सामने उपस्थित हैं । अशोक की भी अपनी स्मृति - परम्परा है । आम की भी, बकुल की भी, चंपे की भी । सब क्या हमें मालूम है ? जितना मालूम है, उसी का अर्थ क्या स्पष्ट हो सका है ?

Question: 1

किसने किसको 'महामानव समुद्र' कहा है ?

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'महामानव समुद्र' शब्द से भारत के विविधता और समृद्ध इतिहास को व्यक्त किया गया है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने भारतवर्ष को 'महामानव समुद्र' कहा है। वह इसे एक विशाल और असीमित समुद्र के समान मानते हैं, जिसमें अनेक संस्कृतियाँ और जातियाँ सम्मिलित हैं।
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Question: 2

आज के भारतवर्ष के निर्माण में किनका सहयोग रहा है ?

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भारत की संस्कृति एक मिश्रण है जो समय के साथ विभिन्न जातियों और संस्कृतियों के योगदान से बनी है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

आज के भारतवर्ष के निर्माण में असुर, शक, हूण, नाग, यक्ष, गंधर्व और अन्य अनेक मानव जातियों का सहयोग रहा है। इन विभिन्न जातियों ने मिलकर भारत की संस्कृति और पहचान को आकार दिया।
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Question: 3

उपादान' और 'बकुल' शब्दों के अर्थ लिखिए ।

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'उपादान' शब्द का प्रयोग किसी चीज़ के निर्माण में सहायक तत्व के रूप में होता है, जबकि 'बकुल' एक पेड़ है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

- उपादान: यह शब्द 'संसाधन' या 'सामग्री' के अर्थ में आता है, जो किसी चीज़ के निर्माण या उत्पत्ति में योगदान देता है। - बकुल: यह एक प्रकार का पेड़ है, जिसे बकुल का वृक्ष कहा जाता है, जो सुगंधित फूलों के लिए प्रसिद्ध है।
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Question: 4

उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।

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लेखक और पाठ का सही ज्ञान हमें गद्यांश के भाव और उसके संदर्भ को गहराई से समझने में मदद करता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

उपर्युक्त गद्यांश का पाठ "भारतवर्ष की विविधता" है। इस गद्यांश के लेखक का नाम "रवीन्द्रनाथ ठाकुर" (रवींद्रनाथ ठाकुर) है।
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Question: 5

रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

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भारत की विविधता उसके इतिहास और संस्कृतियों के संगम को दर्शाती है, जो उसे अद्वितीय बनाता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

रेखांकित अंश में यह कहा गया है कि भारतवर्ष में अनेकों जातियाँ, संस्कृतियाँ, और परंपराएँ आकर मिश्रित हुई हैं। रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने यह स्पष्ट किया है कि हमारी संस्कृति का निर्माण कई संस्कृतियों और जातियों के सहयोग से हुआ है, जिसमें हर तत्व का योगदान महत्वपूर्ण है। इस दृष्टिकोण से भारत एक ऐसा समुद्र है जिसमें विभिन्न संस्कृतियाँ एक साथ मिलकर उसका निर्माण करती हैं।
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