रवीन्द्रनाथ ने इस भारतवर्ष को 'महामानव समुद्र' कहा है । विचित्र देश है यह ! असुर आये, - न जाने कितनी मानव-जातियाँ आये, शक आये, हूण आये, नाग आये, यक्ष आये, गंधर्व आये यहाँ आयीं और आज के भारतवर्ष को बनाने में अपना हाथ लगा गयीं। जिसे हम हिन्दू रीति-नीति कहते हैं, वह अनेक आर्य और आर्येतर उपादानों का मिश्रण है। एक-एक पशु, एक-एक पक्षी न जाने कितनी स्मृतियों का भार लेकर हमारे सामने उपस्थित हैं । अशोक की भी अपनी स्मृति - परम्परा है । आम की भी, बकुल की भी, चंपे की भी । सब क्या हमें मालूम है ? जितना मालूम है, उसी का अर्थ क्या स्पष्ट हो सका है ?
“सूक होइ बायस, पयउ चढ़त गिरि बर गहन।
जानु कृपानी सो दयालु, द्रवह सकल कबि मत कहन।”
उपयुक्त पंक्तियों में कौन-सा छंद है?
निम्नलिखित में से शब्दालंकार का भेद नहीं है –
(A) अनुप्रास
(B) श्लेष
(C) उत्प्रेक्षा
(D) रूपक
(E) उत्क्रम
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
सूची-I को सूची-II से संबद्ध कीजिए :
| सूची-I (रस) | सूची-II (स्थायी भाव) |
|---|---|
| (A) रौद्र | (II) क्रोध |
| (B) वीर | (I) उत्साह |
| (C) भयानक | (IV) भय |
| (D) शान्त | (III) शंका |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
“वीर तुम बढ़े चलो, वीर तुम बढ़े चलो।
सामने पहाड़ हो कि सिंह की गर्जना हो।”
उपयुक्त पंक्तियों में कौन-सा रस है?
सूची-I को सूची-II से संबद्ध कीजिए :
| सूची-I (लेखक) | सूची-II (रचना) |
|---|---|
| (A) जयशंकर प्रसाद | (III) कामायनी |
| (B) सुमित्रानंदन पंत | (IV) उच्छवास |
| (C) महादेवी वर्मा | (I) यामा |
| (D) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | (II) राम की शक्ति पूजा |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :