रूपरेखा:
प्रस्तावना (पर्यावरण का अर्थ और महत्व)
पर्यावरण प्रदूषण के कारण
पर्यावरण संरक्षण के उपाय
उपसंहार
1. प्रस्तावना
'पर्यावरण' शब्द 'परि' और 'आवरण' से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है 'चारों ओर से घेरे हुए'। हमारे चारों ओर जो कुछ भी है - वायु, जल, मिट्टी, पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, सभी मिलकर पर्यावरण का निर्माण करते हैं। एक स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण का होना अनिवार्य है। परन्तु आज, मानवीय गतिविधियों के कारण हमारा पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है, जिसका संरक्षण करना हम सबका परम कर्तव्य है।
2. पर्यावरण प्रदूषण के कारण
पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं - तीव्र औद्योगिकीकरण, वनों की अंधाधुंध कटाई, बढ़ती जनसंख्या का दबाव, वाहनों से निकलता धुआँ, कारखानों का अपशिष्ट, और रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग। इन कारणों से वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं।
3. पर्यावरण संरक्षण के उपाय
पर्यावरण को विनाश से बचाने के लिए हमें निम्नलिखित उपाय करने होंगे:
अधिक से अधिक वृक्षारोपण: हमें 'एक व्यक्ति, एक वृक्ष' के सिद्धान्त को अपनाना चाहिए। पेड़-पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को सोखकर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और पर्यावरण को संतुलित रखते हैं।
प्रदूषण पर नियंत्रण: हमें वाहनों और कारखानों से निकलने वाले धुएँ को नियंत्रित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। नदियों में कारखानों का कचरा डालने पर रोक लगानी चाहिए।
जनसंख्या नियंत्रण: बढ़ती जनसंख्या पर्यावरण पर अत्यधिक दबाव डालती है। अतः जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना आवश्यक है।
नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग: पेट्रोल, डीजल और कोयले के स्थान पर हमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।
जन-जागरूकता: पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार का ही नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमें लोगों को campañas, नाटकों और विज्ञापनों के माध्यम से जागरूक करना चाहिए।
4. उपसंहार
पर्यावरण हमारा जीवन-आधार है। यदि हम इसे नष्ट करेंगे, तो हम स्वयं अपने जीवन को संकट में डालेंगे। अतः यह हम सभी का सामूहिक उत्तरदायित्व है कि हम पर्यावरण की रक्षा करें और अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य प्रदान करें।