प्राथमिक रंग वह रंग होते हैं जिनके मिश्रण से अन्य रंग बन सकते हैं। इन रंगों को मूल रंग भी कहा जाता है क्योंकि इन्हें अन्य रंगों में विभाजित नहीं किया जा सकता। इन रंगों के आधार पर ही अन्य रंगों का निर्माण होता है। प्राथमिक रंगों का मिश्रण करके हम नए रंग उत्पन्न कर सकते हैं, जिनसे हमारी रंग स्पेक्ट्रम की विविधता बढ़ती है।
प्राथमिक रंगों में मुख्य रूप से तीन रंग आते हैं:
लाल: यह एक गर्म रंग है जो विभिन्न रंगों के मिश्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लाल रंग को कई सांस्कृतिक और भावनात्मक संदर्भों में अत्यधिक महत्व प्राप्त है, जैसे प्रेम, ऊर्जा, और उत्साह।
नीला: यह रंग शांति और ठंडक का प्रतीक होता है। नीला रंग प्राथमिक रंगों में से एक है और इसका मिश्रण अन्य रंगों के साथ नए रंगों को उत्पन्न करने में सहायक होता है।
पीला: पीला रंग गर्म और उज्जवल होता है। यह रंग सूरज की किरणों के समान होता है, जो जीवन, खुशी और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
इन रंगों के मिश्रण से दूसरे रंग उत्पन्न होते हैं जिन्हें द्वितीयक रंग कहा जाता है। उदाहरण स्वरूप, जब पीला और नीला रंग मिलते हैं, तो हरा रंग बनता है। इसी प्रकार:
लाल और नीला मिलाकर बैंगनी रंग बनता है।
लाल और पीला मिलाकर नारंगी रंग उत्पन्न होता है।
इस प्रकार, प्राथमिक रंग रंगों के मिश्रण की नींव होते हैं, और इनके आधार पर हम न केवल द्वितीयक बल्कि तीसरे और चौथे स्तर के रंग भी उत्पन्न कर सकते हैं। रंगों का यह मिश्रण कला, डिज़ाइन, और दृश्य प्रस्तुति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।