Comprehension

प्राचीन साहित्य में इस वृक्ष की पूजा के उत्सवों का बड़ा सरस वर्णन मिलता है । असल पूजा अशोक की नहीं, बल्कि उसके अधिष्ठाता कंदर्प देवता की होती थी। इसे 'मदनोत्सव' कहते थे । महाराजा भोज के 'सरस्वतीकण्ठाभरण' से जान पड़ता है कि यह उत्सव त्रयोदशी के दिन होता है । 'मालविकाग्निमित्र' और 'रत्नावली' में इस उत्सव का बड़ा सरस-मनोहर वर्णन मिलता है । राजघरानों में साधारणतः रानी ही अपने सनूपुर चरणों के आघात से इस रहस्यमय वृक्ष को पुष्पित किया करती थी। कभी-कभी रानी अपने स्थान पर किसी अन्य सुन्दरी को नियुक्त कर दिया करती थीं। कोमल हाथों में अशोक-पल्लबों को कोमलतर गुच्छ आया, आलक्तक से रंजित नूपुरमय चरणों के मृदु आघात से अशोक का पाद देश आहत हुआ नीचे हल्की रूनझुन और ऊपर लाल फूलों का उल्लास ।

Question: 1

प्रस्तुत गद्यांश के पाठ एवं लेखक का नाम लिखिए।

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गद्यांश के पाठ और लेखक को पहचानने के लिए उसकी विषयवस्तु और संदर्भ को समझना आवश्यक है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

उपर्युक्त गद्यांश 'अशोक वृक्ष और मदनोत्सव' पाठ से लिया गया है, जिसके लेखक हजारीप्रसाद द्विवेदी हैं। इस गद्यांश में प्राचीन भारतीय संस्कृति में अशोक वृक्ष की पूजा और उससे जुड़े उत्सवों का वर्णन किया गया है।
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Question: 2

रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

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व्याख्या करते समय मूल विचार को स्पष्ट करते हुए उसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भों को जोड़ना आवश्यक होता है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

रेखांकित अंश में अशोक वृक्ष के पुष्पित होने की प्रक्रिया का सुंदर चित्रण किया गया है। रानियों या सुन्दरियों द्वारा अपने चरणों से इस वृक्ष को स्पर्श करने पर वह खिल उठता था। यह भारतीय संस्कृति में स्त्री-सौंदर्य और प्रकृति के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है।
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Question: 3

'मदनोत्सव' किसे कहते थे?

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मदनोत्सव भारतीय परंपराओं में प्रेम, सौंदर्य और वसंत ऋतु का प्रतीक था।
Updated On: Nov 15, 2025
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'मदनोत्सव' एक प्राचीन भारतीय उत्सव था, जिसमें अशोक वृक्ष के अधिष्ठाता देवता मदन (कामदेव) की पूजा की जाती थी। यह पर्व विशेष रूप से वसंत ऋतु में मनाया जाता था, जिसमें स्त्रियाँ अशोक वृक्ष को पुष्पित करने के लिए उसे अपने चरणों से स्पर्श करती थीं।
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Question: 4

किन ग्रन्थों से इस उत्सव की जानकारी मिलती है?

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प्राचीन ग्रंथों में वर्णित त्योहारों को समझने के लिए उनके ऐतिहासिक संदर्भों को जानना आवश्यक है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

इस उत्सव का वर्णन 'सरस्वतीकण्ठाभरण', 'मालविकाग्निमित्र' और 'रत्नावली' जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में मिलता है। इनमें मदनोत्सव के आयोजन और उसमें अशोक वृक्ष से जुड़ी प्रथाओं का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
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Question: 5

'आलक्तक' एवं 'नूपुरमय' शब्दों के अर्थ लिखिए।

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संस्कृतनिष्ठ शब्दों के अर्थ को उनके संदर्भ में समझने से भाषा ज्ञान और स्पष्टता बढ़ती है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

'आलक्तक' का अर्थ है पैरों में लगाया जाने वाला लाल रंग (महावर या अल्ता)। 'नूपुरमय' का अर्थ है नूपुर (पायल) से युक्त। यह शब्द स्त्रियों के पैरों की सुंदरता को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
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