Question:

लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए : पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी 
 

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पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन-परिचय लिखते समय उनके 'सरस्वती' पत्रिका के सम्पादन और 'साहित्य-वाचस्पति' की उपाधि का उल्लेख अवश्य करें।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

जीवन-परिचय:
हिन्दी के प्रसिद्ध निबन्धकार और साहित्यकार पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जन्म 27 मई, 1894 को छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम पुन्नालाल बख्शी था। इन्होंने बी.ए. तक की शिक्षा प्राप्त की और साहित्य-सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के कहने पर इन्होंने प्रसिद्ध पत्रिका 'सरस्वती' का भी कुशलतापूर्वक सम्पादन किया। इनकी साहित्य-सेवा के लिए 'हिन्दी साहित्य सम्मेलन' द्वारा इन्हें 'साहित्य-वाचस्पति' की उपाधि से सम्मानित किया गया। 28 दिसम्बर, 1971 को इनका निधन हो गया। साहित्यिक योगदान:
बख्शी जी एक कुशल निबन्धकार, आलोचक और कहानीकार थे। उनके निबन्धों में सरलता, स्वाभाविकता और आत्मीयता का गुण विद्यमान है। वे द्विवेदी युग के एक प्रमुख गद्यकार माने जाते हैं। 'सरस्वती' पत्रिका के सम्पादक के रूप में भी उन्होंने हिन्दी साहित्य की महती सेवा की। प्रमुख रचना:
पंचपात्र (निबन्ध-संग्रह)। इसके अतिरिक्त कुछ, क्या लिखूँ ?, पद्मवन (निबन्ध-संग्रह) तथा विश्व-साहित्य (आलोचना) इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
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