'पंचलाइट' कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए। (अधिकतम शब्द - सीमा : 80 शब्द)
'पंचलाइट' कहानी फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध कथा है, जिसमें ग्रामीण समाज, हास्य, प्रेम और रूढ़िवादिता का सुंदर चित्रण किया गया है।
कहानी में गाँव के लोग पहली बार एक पंचलाइट (लालटेन) लाते हैं, लेकिन उसे जलाने के लिए पढ़े-लिखे व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती है। गाँव के लोग आपसी मतभेद और जातिगत भेदभाव के कारण गोबर नामक युवक को बहिष्कृत कर देते हैं, क्योंकि उसने अपनी प्रेमिका मुनरी से बात करने का साहस किया था। हालाँकि, जब पंचलाइट जलाने का कोई उपाय नहीं सूझता, तब मजबूरी में गोबर को बुलाया जाता है। वह पंचलाइट जलाने में सफल होता है और उसका सामाजिक बहिष्कार समाप्त हो जाता है। इस कहानी में ग्रामीण समाज की रूढ़िवादी मानसिकता, प्रेम और स्वीकृति की जटिलताएँ, हास्य-व्यंग्य और यथार्थवादी चित्रण देखने को मिलता है। लेखक ने अपने विशेष आंचलिक शब्दों और भाषा शैली से इसे अत्यंत जीवंत बना दिया है।
‘दूसरा देवदास’ कहानी के आधार पर लिखिए कि संभव की नानी उसको लेकर क्यों चिंतित हो गईं । इस तरह का व्यवहार बुज़ुर्गों के स्वभाव के किन पक्षों को उजागर करता है ?
कहानी को रोचक बनाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है ? पढ़ी हुई किसी कहानी के उदाहरण से अपनी बात स्पष्ट कीजिए।
सबसे पहले कविता शब्दों से खेलने का प्रयास है – कैसे ? सोदाहरण लिखिए।
कहानी में पात्रों का महत्त्व स्पष्ट करते हुए अपनी किसी पसंदीदा कहानी के प्रमुख पात्र की चर्चा करते हुए लिखिए कि कहानीकार ने उसकी रचना में किन बातों का विशेष ध्यान रखा है।
‘घड़ी के पुर्जे’ पाठ के संदर्भ में ‘घड़ीसाज़' को भी घड़ी खोलकर देखने की इज़ाज़त न देने का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए लिखिए कि इसका क्या दुष्परिणाम होगा।