‘दूसरा देवदास’ कहानी के आधार पर लिखिए कि संभव की नानी उसको लेकर क्यों चिंतित हो गईं । इस तरह का व्यवहार बुज़ुर्गों के स्वभाव के किन पक्षों को उजागर करता है ?
कहानी को रोचक बनाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है ? पढ़ी हुई किसी कहानी के उदाहरण से अपनी बात स्पष्ट कीजिए।
सबसे पहले कविता शब्दों से खेलने का प्रयास है – कैसे ? सोदाहरण लिखिए।
कहानी में पात्रों का महत्त्व स्पष्ट करते हुए अपनी किसी पसंदीदा कहानी के प्रमुख पात्र की चर्चा करते हुए लिखिए कि कहानीकार ने उसकी रचना में किन बातों का विशेष ध्यान रखा है।
‘घड़ी के पुर्जे’ पाठ के संदर्भ में ‘घड़ीसाज़' को भी घड़ी खोलकर देखने की इज़ाज़त न देने का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए लिखिए कि इसका क्या दुष्परिणाम होगा।
‘दूसरा देवदास’ कहानी के आधार पर लिखिए कि संभव संध्या की आरती से लौटकर अनमना सा क्यों था। उसकी अवस्था का चित्रण करते हुए कारण लिखिए।
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
‘‘पुर्ज़े खोलकर फिर ठीक करना उतना कठिन काम नहीं है, लोग सीखते भी हैं, सिखाते भी हैं, अनाड़ी के हाथ में चाहे घड़ी मत दो पर जो घड़ीसाज़ी का इम्तहान पास कर आया है उसे तो देखने दो । साथ ही यह भी समझा दो कि आपको स्वयं घड़ी देखना, साफ़ करना और सुधारना आता है कि नहीं । हमें तो धोखा होता है कि परदादा की घड़ी जेब में डाले फिरते हो, वह बंद हो गई है, तुम्हें न चाबी देना आता है न पुर्ज़े सुधारना तो भी दूसरों को हाथ नहीं लगाने देते इत्यादि ।’’