Question:

‘दूसरा देवदास’ कहानी के आधार पर लिखिए कि संभव की नानी उसको लेकर क्यों चिंतित हो गईं । इस तरह का व्यवहार बुज़ुर्गों के स्वभाव के किन पक्षों को उजागर करता है ?

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ऐसे प्रश्नों में चरित्र की मानसिकता और बुज़ुर्गों के अनुभव को जोड़ना लेखन को सशक्त बनाता है।
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Solution and Explanation

‘दूसरा देवदास’ कहानी में संभव की नानी उसके अचानक बदले व्यवहार से चिंतित हो उठीं। नानी ने संभव को हमेशा चंचल, मस्त, जीवन से भरपूर देखा था, पर जब वह प्रेम में असफल होकर अंतर्मुखी, ग़मगीन और खामोश हो गया, तो उन्हें चिंता होने लगी कि कहीं वह ‘देवदास’ की तरह अपना जीवन नष्ट न कर बैठे।
यह चिंता केवल एक बुज़ुर्ग की पारंपरिक सोच नहीं थी, बल्कि उनके जीवन के अनुभवों का परिणाम थी। उन्होंने कई प्रेम-कहानियाँ और उनके दुखांत परिणाम देखे थे, इसलिए वे चाहती थीं कि उनका नाती ऐसे रास्ते पर न जाए।
इस तरह का व्यवहार बुज़ुर्गों की सुरक्षा भावना, अनुभवजन्य समझ, और पारिवारिक स्नेह को दर्शाता है। वे समय रहते अपने प्रियजन को संभाल लेना चाहते हैं, चाहे वह भावनात्मक मार्गदर्शन हो या कठोर निर्णय।
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