Question:

‘घड़ी के पुर्जे’ पाठ के संदर्भ में ‘घड़ीसाज़' को भी घड़ी खोलकर देखने की इज़ाज़त न देने का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए लिखिए कि इसका क्या दुष्परिणाम होगा। 
 

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प्रतीकों की व्याख्या करते समय उनका गूढ़ अर्थ समझना और व्यापक संदर्भ में जोड़ना आवश्यक होता है।
Updated On: Jul 30, 2025
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Solution and Explanation

‘घड़ी के पुर्जे’ पाठ में यह दर्शाया गया है कि समाज में काम करने वाले लोग केवल अपने-अपने हिस्से का काम जानते हैं, लेकिन समग्र दृष्टि नहीं रखते।
जब ‘घड़ीसाज़’ जैसे विशेषज्ञ को भी घड़ी खोलने नहीं दी जाती, तो यह इंगित करता है कि व्यवस्थाएँ विशेषज्ञता की उपेक्षा कर रही हैं।
इसका दुष्परिणाम यह होता है कि तंत्र के भीतर गड़बड़ी की जड़ तक पहुँचना कठिन हो जाता है और समस्याएँ सतह पर ही सुलझाई जाती हैं।
जब किसी व्यवस्था में सुधार की क्षमता रखने वाले लोगों को काम करने से रोका जाए, तो पूरी व्यवस्था धीरे-धीरे ठप हो जाती है।
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