(iii) इन्टरनेट
प्रस्तावना (परिचय): आज का युग विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी का युग है। इस युग की सबसे बड़ी देन 'इन्टरनेट' है। इन्टरनेट दुनिया भर में फैले कम्प्यूटरों का एक विशाल नेटवर्क है, जो सूचनाओं के आदान-प्रदान को संभव बनाता है। इसने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है और आज यह हमारी दिनचर्या का एक अभिन्न अंग बन गया है।
इन्टरनेट: एक वरदान (लाभ):
ज्ञान का भंडार: इन्टरनेट ज्ञान और सूचना का असीमित भंडार है। हम किसी भी विषय पर कुछ ही क्षणों में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए एक वरदान है।
संचार में क्रांति: ईमेल, सोशल मीडिया (फेसबुक, व्हाट्सएप) और वीडियो कॉलिंग के माध्यम से हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से तुरंत संपर्क कर सकते हैं। इसने दूरियों को समाप्त कर दिया है।
मनोरंजन का साधन: इन्टरनेट पर हम फिल्में देख सकते हैं, संगीत सुन सकते हैं, और ऑनलाइन गेम खेल सकते हैं। यह मनोरंजन का एक सुलभ और लोकप्रिय माध्यम है।
ऑनलाइन सेवाएँ: आज हम घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग, बैंकिंग, बिल भुगतान, टिकट बुकिंग जैसे अनेक कार्य इन्टरनेट के माध्यम से कर सकते हैं, जिससे हमारे समय और श्रम की बचत होती है।
व्यापार और रोजगार: ई-कॉमर्स और ऑनलाइन विज्ञापनों ने व्यापार को नई दिशा दी है। साथ ही, यह फ्रीलांसिंग और वर्क-फ्रॉम-होम जैसे रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करता है।
इन्टरनेट: एक अभिशाप (हानियाँ):
समय का दुरुपयोग: सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण, विशेषकर युवा पीढ़ी अपने बहुमूल्य समय का दुरुपयोग करती है, जिससे उनकी पढ़ाई और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
साइबर अपराध: इन्टरनेट के माध्यम से हैकिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी, और व्यक्तिगत जानकारी की चोरी जैसे अपराध बढ़ गए हैं, जिन्हें साइबर अपराध कहा जाता है।
स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव: कम्प्यूटर या मोबाइल पर घंटों तक लगे रहने से आँखों पर, शारीरिक स्वास्थ्य पर और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सामाजिक अलगाव: लोग आभासी दुनिया में इतने खो जाते हैं कि वे अपने परिवार और समाज से कटने लगते हैं, जिससे सामाजिक अलगाव बढ़ता है।
उपसंहार (निष्कर्ष): निस्संदेह, इन्टरनेट आधुनिक युग का एक अद्भुत आविष्कार है। यह एक शक्तिशाली साधन है, जिसका उपयोग वरदान और अभिशाप दोनों रूपों में हो सकता है। यह पूरी तरह हम पर निर्भर करता है कि हम इसका उपयोग कैसे करते हैं। यदि हम इसका प्रयोग विवेकपूर्ण और संतुलित तरीके से करें, तो यह हमारे और समाज के विकास में बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है। हमें इसके दुष्प्रभावों से बचते हुए इसके लाभों का उपयोग करना चाहिए।