निम्नलिखित संस्कृत श्लोकों में से किसी एक श्लोक का संदर्भ-सहित हिंदी में अनुवाद कीजिए।
संस्कृत श्लोक:
न मे रोचते भद्रं वः उलूकस्यभिषेचनम्।
अक्रुद्धस्य मुखं पश्य कथं क्रुद्धो भविष्यति।।
संदर्भ: प्रस्तुत श्लोक में यह बताया गया है कि अनुचित व्यक्ति को सम्मानित करना समाज के लिए हितकर नहीं होता।
अनुवाद: मुझे यह अच्छा नहीं लगता कि उल्लू को राजा बनाया जाए। यदि किसी व्यक्ति को स्वाभाविक रूप से क्रोध नहीं आता, तो यह कैसे संभव है कि वह क्रोधित होने पर भयावह रूप धारण कर लेगा? अर्थात्, जो व्यक्ति योग्य नहीं है, उसे सत्ता देना व्यर्थ है।
निम्नलिखित संस्कृत श्लोकों में से किसी एक श्लोक का संदर्भ-सहित हिंदी में अनुवाद कीजिए।
संस्कृत श्लोक:
जलविन्दुनिपातेन क्रमशः पूर्यते घटः।
सः हेतुः सर्वविद्यानां धर्मस्य च धनस्य च॥
अपनी पाठ्यपुस्तक में से कण्ठस्थ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्नपत्र में न आया हो।
अपनी पाठ्यपुस्तक में से कण्ठस्थ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्नपत्र में न आया हो।
अपनी पाठ्य-पुस्तक में से कण्ठस्थ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न-पत्र में न आया हो।
अपनी पाठ्य-पुस्तक में से कण्ठस्थ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न-पत्र में न आया हो।