Comprehension

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
अभी समाज में यह चल रहा है कि बहुत से लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं और थोड़े बौद्धिक श्रम से। जिनके पास संपत्ति अधिक है, वे आराम में रहते हैं। अनेक लोगों में श्रम करने की आदत भी नहीं है। इस दशा में उक्त नियम का अमल होना दूर की बात है फिर भी उसके पीछे जो तथ्य है, वह हमें स्वीकार करना चाहिए भले ही हमारी दुर्बलता के कारण हम उसे ठीक तरह से न निभा सकें क्योंकि आजीविका की साधन-सामग्री किसी-न-किसी के श्रम बिना हो ही नहीं सकती। इसलिए बिना शरीर श्रम किए उस सामग्री का उपयोग करने का न्यायोचित अधिकार हमें नहीं मिलता। अगर पैसे के बल पर हम सामग्री खरीदते हैं तो उस पैसे की जड़ भी अंत में श्रम ही है। धनिक लोग अपनी ज्यादा संपत्ति का उपयोग समाज के हित में ट्रस्टी के तौर पर करें। संपत्ति दान यज्ञ और भूदान यज्ञ का भी आखिर आशय क्या है ?
अपने पास आवश्यकता से जो कुछ अधिक है, उसपर हम अपना अधिकार न समझकर उसका उपयोग दूसरों के लिए करें।
यह भी बहस चलती है कि धनिकों के दान से सामाजिक उपयोग के अनेक बड़े-बड़े कार्य होते हैं जैसे कि अस्पताल, विद्यालय आदि।

Question: 1

(समाज में अपनी आजीविका बहुत से लोग इससे चलाते हैं –

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समाज में श्रम का महत्व अत्यधिक है, और सभी को अपने साधनों का उपयोग समाजहित में करने की सोच विकसित करनी चाहिए।
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शरीर श्रम से
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Question: 2

समाज में अपनी आजीविका थोड़े लोग इससे चलाते हैं –

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समाज में श्रम का महत्व अत्यधिक है, और सभी को अपने साधनों का उपयोग समाजहित में करने की सोच विकसित करनी चाहिए।
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बौद्धिक श्रम से
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Question: 3

आराम में रहने वाले लोगों के पास यह अधिक है –

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समाज में श्रम का महत्व अत्यधिक है, और सभी को अपने साधनों का उपयोग समाजहित में करने की सोच विकसित करनी चाहिए।
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संपत्ति
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Question: 4

अनेक लोगों में इसकी आदत नहीं है –

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समाज में श्रम का महत्व अत्यधिक है, और सभी को अपने साधनों का उपयोग समाजहित में करने की सोच विकसित करनी चाहिए।
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श्रम करने की
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Question: 5

कृति पूर्ण कीजिए : 

 

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दान यज्ञ और भूदान यज्ञ समाज कल्याण की अवधारणाएँ हैं, जिनका उद्देश्य आवश्यकता से अधिक संपत्ति का उपयोग दूसरों के हित में करना है।
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Question: 6

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए : 

 

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उपसर्ग शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन लाता है, जबकि प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़कर उसका नया रूप बनाता है।
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\[ \begin{array}{|l|l|} \hline \textbf{उपसर्गयुक्त शब्द} & \textbf{शब्द} & \textbf{प्रत्यययुक्त शब्द} \\ \hline \text{परिश्रम} & \text{श्रम} & \text{श्रमिक} \\ \hline \end{array} \]
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Question: 7

गद्यांश में प्रयुक्त शब्दयुग्म ढूँढ़कर उसका अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए।

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शब्दयुग्म वे शब्द होते हैं जो उच्चारण या वर्तनी में समान होते हैं, लेकिन उनके प्रयोग में भिन्नता पाई जाती है।
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शब्दयुग्म: श्रम - परिश्रम
वाक्य प्रयोग: 1. श्रम – किसी भी कार्य को सफलता से करने के लिए श्रम आवश्यक होता है।
2. परिश्रम – परिश्रम करने वाला व्यक्ति ही जीवन में उन्नति करता है।
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Question: 8

करोगे दान पाओगे समाधान’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।

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दान करने से समाज में परोपकार की भावना बढ़ती है और जरूरतमंद लोगों की सहायता होती है।
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दान एक ऐसा पुण्य कार्य है जो समाज में समानता और सद्भावना लाने का कार्य करता है। जब हम जरूरतमंदों की सहायता करते हैं, तो हमें मानसिक संतोष और आत्मिक शांति मिलती है। दान केवल धन का ही नहीं, बल्कि ज्ञान, समय, और सहयोग का भी हो सकता है। दान से न केवल दूसरों की भलाई होती है, बल्कि यह हमारे जीवन को भी सकारात्मकता से भर देता है। इसलिए, दान करने से हमें सच्चा समाधान और आंतरिक संतोष प्राप्त होता है।
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