(i) जल है तो कल है
प्रस्तावना:
'क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा, पंच रचित यह अधम सरीरा।' - इस पंक्ति से स्पष्ट है कि जल हमारे जीवन के पाँच मूल तत्वों में से एक है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसीलिए कहा गया है, "जल ही जीवन है"। पृथ्वी पर समस्त प्राणियों, वनस्पतियों का जीवन जल पर ही निर्भर है। यदि जल है, तभी हमारा आने वाला कल सुरक्षित है।
जल का महत्व:
जल की आवश्यकता हमें पीने, भोजन पकाने, नहाने, कपड़े धोने से लेकर कृषि और उद्योगों तक में होती है। किसानों के लिए जल अमृत के समान है, क्योंकि जल के बिना फसलें नहीं उग सकतीं। बड़े-बड़े कल-कारखाने भी जल के बिना नहीं चल सकते। जल पृथ्वी के तापमान को भी संतुलित रखता है।
जल-संकट की समस्या:
आज विश्व जल-संकट की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिकीकरण और जल के अंधाधुंध दुरुपयोग ने इस संकट को और बढ़ा दिया है। नदियों और तालाबों का प्रदूषण, भूमिगत जल स्तर का गिरना और वर्षा की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। यदि हमने समय रहते जल संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया, तो वह दिन दूर नहीं जब हमें पानी की एक-एक बूँद के लिए तरसना पड़ेगा।
जल-संरक्षण के उपाय:
'जल है तो कल है' की उक्ति को सार्थक करने के लिए हमें जल संरक्षण के प्रति जागरूक होना होगा। वर्षा-जल संचयन (Rainwater Harvesting) एक उत्तम उपाय है। हमें अपने घरों में पानी का दुरुपयोग रोकना चाहिए। कृषि में टपक-सिंचाई (Drip Irrigation) जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करना चाहिए। नदियों को प्रदूषित होने से बचाना हमारा परम कर्तव्य है।
उपसंहार:
जल प्रकृति का एक अनमोल वरदान है। इसका कोई विकल्प नहीं है। हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य जल की उपलब्धता पर ही निर्भर करता है। अतः, यह हम सभी का सामूहिक उत्तरदायित्व है कि हम जल का संरक्षण करें और उसे व्यर्थ न करें, क्योंकि वास्तव में 'जल है तो ही कल है'।
(ii) मेरे सपनों का भारत
प्रस्तावना:
भारत एक प्राचीन और महान देश है, जिसका अतीत गौरवशाली रहा है। आज यह विकास के पथ पर अग्रसर है, फिर भी मेरे मन में एक ऐसे भारत की कल्पना है जो विश्व में सर्वश्रेठ हो। मेरे सपनों का भारत एक ऐसा राष्ट्र होगा जहाँ हर नागरिक सुखी, समृद्ध और सुरक्षित हो।
सामाजिक स्वरूप:
मेरे सपनों के भारत में जाति, धर्म, लिंग या रंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा। सभी को शिक्षा और स्वास्थ्य की समान सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। कोई भी बच्चा अशिक्षित और कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा। महिलाएँ पूरी तरह से सुरक्षित और सशक्त होंगी और देश की प्रगति में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी।
आर्थिक एवं तकनीकी स्वरूप:
मेरे सपनों का भारत आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत होगा। यह 'मेक इन इंडिया' का एक साकार रूप होगा, जहाँ हर वस्तु का निर्माण देश में ही होगा। कृषि और उद्योग दोनों क्षेत्रों में भारत विश्व का नेतृत्व करेगा। गाँव-गाँव तक इंटरनेट और आधुनिक सुविधाएँ पहुँचेंगी, जिससे डिजिटल इंडिया का सपना साकार होगा।
राजनीतिक स्वरूप:
मेरे सपनों का भारत भ्रष्टाचार से पूरी तरह मुक्त होगा। राजनीति, सेवा का माध्यम होगी, स्वार्थ का नहीं। न्याय प्रणाली इतनी सुदृढ़ और तीव्र होगी कि हर व्यक्ति को समय पर न्याय मिलेगा। हमारा देश विश्व में शांति और सद्भाव का अग्रदूत बनेगा।
उपसंहार:
सपनों को हकीकत में बदलने के लिए केवल कल्पना करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसके लिए कर्म करना भी आवश्यक है। मैं एक जिम्मेदार नागरिक बनकर, अपने कर्तव्यों का पालन करके और शिक्षा प्राप्त करके अपने सपनों के भारत के निर्माण में अपना योगदान दूँगा। हम सब मिलकर प्रयास करेंगे, तो यह सपना अवश्य साकार होगा।
(v) जीवन में कम्प्यूटर का महत्त्व
प्रस्तावना:
आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। कम्प्यूटर इस युग का सबसे अद्भुत और शक्तिशाली आविष्कार है। इसने मानव जीवन के हर क्षेत्र में क्रांति ला दी है। आज जीवन में कम्प्यूटर का महत्त्व इतना बढ़ गया है कि इसके बिना आधुनिक जीवन की कल्पना करना भी कठिन है।
विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग:
कम्प्यूटर का उपयोग आज जीवन के हर क्षेत्र में हो रहा है:
1. शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटर एक वरदान है। ऑनलाइन कक्षाएँ, ई-पुस्तकें, और इंटरनेट पर उपलब्ध ज्ञान का भंडार छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है।
2. चिकित्सा: अस्पतालों में मरीजों का रिकॉर्ड रखने, रोगों का पता लगाने (जैसे- सीटी स्कैन, एमआरआई) और जटिल ऑपरेशन करने में कम्प्यूटर का उपयोग होता है।
3. संचार: ईमेल, सोशल मीडिया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कम्प्यूटर ने दुनिया को एक वैश्विक गाँव में बदल दिया है।
4. मनोरंजन: संगीत सुनना, फिल्में देखना, गेम खेलना आदि मनोरंजन के लिए कम्प्यूटर एक प्रमुख साधन है।
5. व्यापार एवं बैंकिंग: कार्यालयों में हिसाब-किताब रखने, ई-कॉमर्स और ऑनलाइन बैंकिंग के कार्यों को कम्प्यूटर ने बहुत सरल और तीव्र बना दिया है।
लाभ और हानि:
कम्प्यूटर से जहाँ समय और श्रम की बचत होती है, वहीं इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। इसके अत्यधिक प्रयोग से आँखों और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। साइबर अपराध, डेटा की चोरी और ऑनलाइन धोखाधड़ी इसकी प्रमुख हानियाँ हैं।
उपसंहार:
निष्कर्षतः, कम्प्यूटर आधुनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है। यह ज्ञान और सूचना का असीम भंडार है। हमें इसका उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए ताकि हम इसके लाभों का पूरा फायदा उठा सकें और इसकी हानियों से बच सकें। यह एक शक्तिशाली उपकरण है जो मानवता की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।