Comprehension

निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
राष्ट्र का तीसरा अंग जन की संस्कृति है । मनुष्यों ने युगों-युगों में जिस सभ्यता का निर्माण किया है वही उसके जीवन की श्वास-प्रश्वास है। बिना संस्कृति के जन की कल्पना कबंधमात्र है, संस्कृति ही जन का मस्तिष्क है । संस्कृति के विकास और अभ्युदय के द्वारा ही राष्ट्र की वृद्धि संभव है । राष्ट्र के समग्र रूप में भूमि और जन के साथ-साथ जन की संस्कृति का महत्त्वपूर्ण स्थान है । यदि भूमि और जन अपनी संस्कृति से विरहित कर दिये जायँ तो राष्ट्र का लोप समझना चाहिए। जीवन के विटप का पुष्प संस्कृति है ।

Question: 1

राष्ट्र की वृद्धि कैसे संभव है ?

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संस्कृति राष्ट्र की पहचान होती है, और इसकी वृद्धि उस राष्ट्र के समग्र विकास पर निर्भर करती है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

राष्ट्र की वृद्धि संस्कृति के विकास और अभ्युदय के द्वारा संभव है। संस्कृति के विकास के साथ-साथ राष्ट्र का विकास होता है। जब जन की संस्कृति का अभ्युदय होता है, तो राष्ट्र में सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि आती है, जिससे राष्ट्र की वृद्धि सुनिश्चित होती है।
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Question: 2

किसी राष्ट्र का लोप कब समझना चाहिए ?

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राष्ट्र की संस्कृति उसकी पहचान होती है। अगर वह समाप्त हो जाती है, तो राष्ट्र का लोप भी समझा जा सकता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

जब भूमि और जन अपनी संस्कृति से विरहित हो जाते हैं, तो राष्ट्र का लोप समझना चाहिए। संस्कृति के बिना राष्ट्र का अस्तित्व समाप्त हो जाता है। यह राष्ट्र के सामाजिक और सांस्कृतिक रूप को समाप्त करने के समान है।
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Question: 3

संस्कृति क्या है ?

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संस्कृति एक राष्ट्र की आत्मा होती है, जो उसके समाज और जीवन के मूल तत्वों को दर्शाती है।
Updated On: Nov 14, 2025
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संस्कृति वह सभ्यता है जो मनुष्यों ने अपनी आवश्यकताओं, सोच और आदतों को पूर्ण करने के लिए विकसित की है। यह जीवन के तरीके, विश्वासों, कला, भाषा, धर्म और अन्य सामाजिक पहलुओं का संग्रह होती है। संस्कृति ही समाज की पहचान और उसकी उन्नति का आधार है।
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Question: 4

उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।

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गद्यांश को सही रूप से समझने के लिए लेखक की दृष्टि और विचारधारा का अध्ययन करना महत्वपूर्ण होता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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उपर्युक्त गद्यांश का पाठ "राष्ट्र का विकास और संस्कृति" है। इस गद्यांश के लेखक का नाम "डॉ. रामविलास शर्मा" है।
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Question: 5

रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

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संस्कृति राष्ट्र के अस्तित्व और विकास का प्रतीक होती है, यह उसकी शक्ति और पहचान को बनाये रखती है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

रेखांकित अंश में यह कहा गया है कि जीवन के विटप का पुष्प संस्कृति है, अर्थात संस्कृति ही जीवन की सबसे सुंदर और महत्वपूर्ण तत्व है। संस्कृति के बिना राष्ट्र और समाज का अस्तित्व नहीं हो सकता। यह अंश हमें यह समझाता है कि संस्कृति ही राष्ट्र का जीवन है।
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