Comprehension

निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश पर आधारित सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए : 
अश्वारोही पास आया। ममता ने रूक-रूक कर कहा- ``मैं नहीं जानती कि वह शंहंशाह था या साधारण मुगल पर एक दिन इसी झोपड़ी के नीचे वह रहा। मैंने सुना था कि वह मेरा घर बनाने की आज्ञा दे चुका था। मैं आजीवन अपनी झोपड़ी के खोदे जाने के डर से भयभीत रही। भगवान ने सुन लिया, मैं आज इसे छोड़े जाती हूँ। अब तुम इसका मकान बनाओ या महल में अपने चिर विश्राम गृह में जाती हूँ।''
 

Question: 1

उपयुक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए।

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संदर्भ लिखते समय हमेशा यह बताएँ कि गद्यांश किस प्रसंग या कहानी से लिया गया है और उसका मुख्य उद्देश्य क्या है।
Updated On: Oct 27, 2025
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Solution and Explanation

यह गद्यांश उस प्रसंग से लिया गया है जिसमें ममता नामक पात्र अपने जीवन के दुःख और भय को प्रकट करती है। उसने सुना था कि एक शहंशाह ने उसकी झोपड़ी की जगह पर मकान बनाने की आज्ञा दी थी। इसी कारण वह जीवनभर असुरक्षा और भय में जीती रही। यह अंश मानव जीवन की नश्वरता और असुरक्षा-बोध को स्पष्ट करता है।
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Question: 2

गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

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रेखांकित अंश की व्याख्या करते समय उसके शब्दार्थ और भावार्थ दोनों स्पष्ट करें।
Updated On: Oct 27, 2025
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Solution and Explanation

रेखांकित अंश – "मैं आजीवन अपनी झोपड़ी के खोदे जाने के डर से भयभीत रही भगवान ने सुन लिया, मैं आज इसे छोड़ जाती हूँ।" इस वाक्य में ममता अपनी व्यथा प्रकट करती है। वह कहती है कि उसे जीवनभर यह डर सताता रहा कि उसकी झोपड़ी किसी दिन उजाड़ दी जाएगी। लेकिन मृत्यु के समय वह ईश्वर को धन्यवाद देती है कि अब उसे इस डर से मुक्ति मिल रही है। वह अपनी झोपड़ी को छोड़कर सदा के विश्राम गृह (मृत्यु) की ओर जा रही है, जहाँ उसे भय नहीं रहेगा।
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Question: 3

ममता के आजीवन भयभीत रहने का क्या कारण था?

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कारण-आधारित प्रश्नों में हमेशा सीधा और स्पष्ट उत्तर दें, ताकि परीक्षक को उत्तर तुरंत समझ में आ जाए।
Updated On: Oct 27, 2025
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Solution and Explanation

ममता के आजीवन भयभीत रहने का कारण यह था कि उसने सुना था कि एक शहंशाह ने उसकी झोपड़ी की जगह पर मकान बनवाने की आज्ञा दी थी। इस कारण वह हमेशा डरती रही कि कहीं उसकी झोपड़ी उजाड़ न दी जाए। यही भय उसके पूरे जीवन में बना रहा और उसने कभी चैन से नहीं जिया।
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