चरण 1: कथन का आशय। 
"जाति तंत्र" (Casteocracy) का अर्थ है—ऐसा लोकतांत्रिक तंत्र जहाँ राजनीतिक प्रक्रियाएँ (उम्मीदवार चयन, वोट-समूहबंदी, सत्तावितरण) जाति-संबंधों से गहरे निर्देशित हों। भारत में चुनावी राजनीति का एक सशक्त पैटर्न लंबे समय तक जाति-आधारित लामबंदी से प्रभावित रहा है। 
चरण 2: विद्वान की पहचान। 
ब्रिटिश मानवशास्त्री जे. एच. हटन (J. H. Hutton), पुस्तक ``Caste in India: Its Nature, Function and Origins'' के लेखक, ने भारतीय समाज और राजनीति में जाति की व्यापक पैठ को रेखांकित करते हुए भारतीय जनतंत्र को "जाति तंत्र" जैसी संज्ञा दी—अर्थात लोकतांत्रिक रूप-आकृति होते हुए भी उसके संचालन में जाति संबंध निर्णायक बन जाते हैं। 
चरण 3: अन्य विकल्प क्यों नहीं। 
जी. एस. घुर्ये ने जाति पर शास्त्रीय कार्य अवश्य किया, पर यह विशेष उपाधि उनसे नहीं जोड़ी जाती। आर. एन. सक्सेना और नर्मदेश्वर प्रसाद के साथ भी यह प्रत्यक्ष उद्धरण मान्य नहीं है। इसलिए सही उत्तर हटन है।