Question:

नीलकण्ठ' समस्तपद में प्रयुक्त समास है : 
 

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देवी-देवताओं को संदर्भित करने वाले कई सामासिक शब्द बहुव्रीहि समास होते हैं (जैसे, लम्बोदर - भगवान गणेश, दशानन - रावण, चक्रपाणि - भगवान विष्णु)। यदि किसी सामासिक शब्द का कोई प्रसिद्ध पौराणिक या विशेष अर्थ है, तो यह संभवतः एक बहुव्रीहि समास है।
Updated On: Nov 10, 2025
  • द्वंद्व
  • बहुव्रीहि
  • द्विगु
  • अव्ययीभाव
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collegedunia
Verified By Collegedunia

The Correct Option is B

Solution and Explanation

चरण 1: प्रश्न को समझना:
प्रश्न में 'नीलकण्ठ' शब्द में समास का प्रकार पूछा गया है।
चरण 2: मुख्य अवधारणा:
बहुव्रीहि समास: इस प्रकार के समास में, न तो पहला पद (पूर्वपद) और न ही दूसरा पद (उत्तरपद) प्रधान होता है। इसके बजाय, पूरा समस्तपद किसी तीसरे व्यक्ति या वस्तु को संदर्भित करता है। समास का विग्रह करने पर अक्सर 'जिसका', 'जिसकी', 'वाला' जैसे शब्दों का प्रयोग होता है।
चरण 3: विस्तृत व्याख्या:
'नीलकण्ठ' शब्द का शाब्दिक अर्थ है 'नीला गला'।
इसका विग्रह है: नीला है कण्ठ जिसका, अर्थात् शिव
यहाँ, शब्द का अर्थ केवल नीले रंग का गला नहीं है। यह एक विशिष्ट तीसरे व्यक्ति, भगवान शिव की ओर इशारा करता है, जिन्हें नीलकंठ के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने विष का सेवन किया था जिससे उनका गला नीला हो गया था।
चूंकि समस्तपद एक तीसरे अर्थ को संदर्भित करता है, यह एक बहुव्रीहि समास है।
चरण 4: अंतिम उत्तर:
'नीलकण्ठ' में बहुव्रीहि समास है।
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