चरण 1: मिल की परिभाषा।
जे. एस. मिल कारण को इस प्रकार परिभाषित करते हैं—किसी परिणाम के अनिवार्यतः उत्पन्न होने हेतु जो समस्त शर्तें आवश्यक होती हैं, उनका पूर्ण योग ही उसका कारण है। इन शर्तों में भावात्मक (सकारात्मक, जो उपस्थित होनी चाहिए) और निषेधात्मक (नकारात्मक, जिनका अभाव होना चाहिए) दोनों प्रकार की उपधियाँ आती हैं।
चरण 2: उदाहरण से स्पष्टता।
जैसे आग के लिए शुष्क ज्वलनशील पदार्थ, पर्याप्त ताप, ऑक्सीजन आदि भावात्मक स्थितियाँ हैं; वहीं निषेधात्मक स्थितियाँ—नमी का अभाव, अग्नि-निरोधक का अभाव, दहन-स्थान का निर्वात न होना—इत्यादि। इन सभी शर्तों का समुच्चय पूरा होने पर ही परिणाम आग लगना अनिवार्यतः घटित होता है।
चरण 3: विकल्पों का परीक्षण।
यदि केवल भावात्मक शर्तें मानें और निषेधात्मक की उपेक्षा करें, या उलटा करें, तो परिणाम नहीं आएगा। अतः मिल का कारण-सिद्धान्त दोनों प्रकार की उपधियों के पूर्ण योग पर बल देता है; इसलिए सही उत्तर (3) है।