चरण 1: अरस्तू का 'चार कारण' सिद्धान्त।
अरस्तू वस्तुओं/परिवर्तन को समझाने के लिए चार कारण मानता है—(i) उपादान कारण (Material cause: किस पदार्थ से बना), (ii) आकारीक कारण (Formal cause: उसकी रूप-रचना/विन्यास जो उसे वही वस्तु बनाती है), (iii) निमित्त कारण (Efficient cause: करने वाला/उत्पादक), और (iv) अंतिम कारण (Final cause: प्रयोजन/उद्देश्य)।
चरण 2: विकल्पों से मिलान।
यहाँ (1) उपादान और (2) आकारीक—दोनों अरस्तू की सूची के वैध कारण हैं; अतः सही उत्तर दोनों है।
चरण 3: स्मरण के लिए उदाहरण।
एक मूर्ति के संदर्भ में—पत्थर उपादान, मूर्ति की डिज़ाइन/आकार आकारीक, मूर्तिकार निमित्त, और ''पूजन/सौन्दर्य प्रदर्शन'' अंतिम कारण है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि उपादान और आकारीक दोनों कारण हैं।