Question:

'मरते दम तक न शहनाई छूटेगी न काशी' — यह कथन किसका है ?'

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‘काशी + शहनाई’ सुनते ही उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ— यह जोड़ी स्मरण रखें।
Updated On: Nov 10, 2025
  • बिस्मिल्ला ख़ाँ का
  • बुद्धयारित्य मुखर्जी का
  • पंडित रामसहाय मिश्र का
  • मोहम्मद खान का
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

Step 1: तथ्य।
उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ ने काशी और शहनाई को अपने जीवन का अविभाज्य अंग माना— यह कथन उन्हीं से जुड़ा है।
Step 2: निष्कर्ष।
अतः (1) सही है।
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