Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न मन्दाक्रान्ता छन्द में प्रत्येक चरण (पाद) में वर्णों की संख्या के बारे में है।
Step 2: Detailed Explanation:
संस्कृत के प्रमुख वर्णिक छन्दों में वर्णों की संख्या निश्चित होती है। मन्दाक्रान्ता छन्द का लक्षण है:
"मन्दाक्रान्ता जलधिषडगैर्म्भौ नतौ ताद्गुरू चेत्।"
इस लक्षण में 'जलधि' (4) और 'षड्' (6) और 'अग' (पर्वत, 7) संख्याओं का उल्लेख है, जो यति (विराम) का स्थान बताते हैं (4, 6, 7 वर्णों के बाद)। इन संख्याओं को जोड़ने पर कुल वर्णों की संख्या प्राप्त होती है:
\(4 + 6 + 7 = 17\)
अतः, मन्दाक्रान्ता छन्द के प्रत्येक चरण में 17 वर्ण होते हैं।
अन्य छन्दों में वर्ण संख्या:
१२ (12) वर्ण: वंशस्थ, द्रुतविलम्बित
१४ (14) वर्ण: वसन्ततिलका
१७ (17) वर्ण: मन्दाक्रान्ता, शिखरिणी
Step 3: Final Answer:
मन्दाक्रान्ता छन्द के प्रत्येक चरण में १७ (17) वर्ण होते हैं।