Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न शार्दूलविक्रीडित छन्द के लक्षण को सही क्रम में व्यवस्थित करने से संबंधित है। छन्दों के लक्षण श्लोकों में दिए होते हैं जिन्हें याद करना होता है।
Step 2: Detailed Explanation:
शार्दूलविक्रीडित छन्द का लक्षण है:
"सूर्याश्वैर्यदि मः सजौ सततगाः शार्दूलविक्रीडितम्।"
इस लक्षण को दिए गए खंडों में तोड़कर सही क्रम में लगाना है।
सूर्याश्वैर्यदि \rightarrow (C)
मः \rightarrow (E)
सजौ \rightarrow (A)
सततगाः \rightarrow (D)
शार्दूलविक्रीडितम् \rightarrow (B)
इस प्रकार, सही क्रम C, E, A, D, B बनता है।
लक्षण का अर्थ: 'यदि' सूर्य (12) और अश्व (7) पर यति हो, और गण क्रमशः 'म'गण, 'स'गण, 'ज'गण, 'स'गण, 'त'गण, 'त'गण और एक गुरु वर्ण हो, तो उसे शार्दूलविक्रीडित छन्द कहते हैं। (कुल 19 वर्ण)।
Step 3: Final Answer:
अतः, सही क्रम (C), (E), (A), (D), (B) है, जो विकल्प (3) में दिया गया है।