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कवि का जीवन परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए : मैथिलीशरण गुप्त 
 

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मैथिलीशरण गुप्त का जीवन-परिचय लिखते समय 'राष्ट्रकवि' की उपाधि और उनकी प्रसिद्ध रचना 'भारत-भारती' का उल्लेख करना अनिवार्य है।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

जीवन-परिचय:
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त, 1886 को झाँसी जिले के चिरगाँव नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम सेठ रामचरण गुप्त था। अपने पिता से ही इन्हें कविता लिखने की प्रेरणा मिली। ये आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी को अपना काव्य-गुरु मानते थे। द्विवेदी जी की प्रेरणा से इन्होंने खड़ी बोली को अपनी कविता का माध्यम बनाया। इनकी कविताओं में राष्ट्र-भक्ति और भारतीय संस्कृति की गहरी छाप है, इसीलिए महात्मा गांधी ने इन्हें 'राष्ट्रकवि' की उपाधि दी। भारत सरकार ने इन्हें 'पद्मभूषण' से सम्मानित किया। 12 दिसम्बर, 1964 को इनका निधन हो गया। साहित्यिक योगदान:
गुप्त जी द्विवेदी युग के सबसे लोकप्रिय कवि थे। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना जगाने का कार्य किया। उन्होंने प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के गौरवशाली प्रसंगों को अपने काव्य का विषय बनाया। 'साकेत' महाकाव्य में उन्होंने रामकथा के उपेक्षित पात्र उर्मिला के चरित्र को विशेष महत्व दिया है। प्रमुख रचना:
साकेत (महाकाव्य) - यह रामचरितमानस के बाद रामकाव्य का दूसरा महत्वपूर्ण स्तम्भ माना जाता है। इसके अतिरिक्त भारत-भारती, यशोधरा और पंचवटी भी इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
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