लिंगायत आंदोलन को मध्यकालीन भारत में एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार आंदोलन के रूप में देखा जाता है, जिसने पारंपरिक हिंदू मान्यताओं और प्रथाओं को चुनौती दी।
Step 1: Understanding the Concept: यह प्रश्न 12वीं सदी में कर्नाटक में उत्पन्न हुए लिंगायत (या वीरशैव) समुदाय की दो प्रमुख विशेषताओं के बारे में है। Step 2: Detailed Explanation: बसवन्ना द्वारा स्थापित लिंगायत समुदाय की दो प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
इष्टलिंग की पूजा: लिंगायत शिव की पूजा 'इष्टलिंग' के रूप में करते हैं, जो एक छोटा सा लिंग होता है जिसे वे चांदी के डिब्बे में रखकर अपने गले में पहनते हैं। यह ईश्वर के साथ एक व्यक्तिगत और प्रत्यक्ष संबंध का प्रतीक है, जिसमें मंदिर या पुजारियों की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं होती।
जाति व्यवस्था और कर्मकांडों का विरोध: यह एक क्रांतिकारी सामाजिक आंदोलन था जिसने ब्राह्मणवादी जाति व्यवस्था, पुनर्जन्म के सिद्धांत और वैदिक कर्मकांडों का पुरजोर विरोध किया। लिंगायतों ने सामाजिक समानता, महिलाओं की समानता का समर्थन किया और मृतकों को दफनाने की प्रथा अपनाई।
Step 3: Final Answer: लिंगायत समुदाय की दो विशेषताएँ इष्टलिंग की पूजा और जाति व्यवस्था का विरोध हैं।
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Top Questions on Religious Histories: Bhakti-Sufi Traditions