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लेखक का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए: (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)जयशंकर प्रसाद

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जयशंकर प्रसाद के साहित्य में प्रेम और आत्मिक अनुभव की गहराई, साथ ही भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी श्रद्धा स्पष्ट रूप से व्यक्त होती है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

जयशंकर प्रसाद का जन्म 30 जनवरी 1889 को वाराणसी में हुआ था। वे हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि, नाटककार और उपन्यासकार थे। उनका लेखन विशेष रूप से प्रेम, सौंदर्य और भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी श्रद्धा से भरा हुआ था। वे छायावाद आंदोलन के प्रमुख कवि थे, जिन्होंने कविता और साहित्य को एक नई दिशा दी।
प्रसाद जी की प्रमुख रचनाएँ 'कामायनी', 'कंकाल', 'अधूरी कहानी', 'चित्रलेखा', 'विभावरी' हैं। उनका सबसे प्रसिद्ध कार्य 'कामायनी' एक महाकाव्य है, जो मानवता, दार्शनिक चिंतन और ब्रह्म के विचारों को प्रस्तुत करता है। उनकी कविता में प्रकृति, प्रेम, जीवन की जटिलताओं और आत्मिक अनुभवों का गहरा चित्रण मिलता है।
जयशंकर प्रसाद का साहित्य भारतीय जीवन के सूक्ष्म रूपों को उजागर करता है, और उनकी कविताएँ साहित्य की गहराई और सूक्ष्मता को बयाँ करती हैं। उन्होंने भारतीय साहित्य में प्रेम और भक्ति के आदर्शों को महत्वपूर्ण स्थान दिया और जीवन के हर पहलू की सुंदरता को पहचानने का प्रयास किया।
उनकी रचनाओं में समकालीन समाज की समस्याओं और सांस्कृतिक चिंताओं का गहरा संकेत मिलता है। उनका साहित्य न केवल उनकी काव्यात्मकता का प्रमाण है, बल्कि वे एक संवेदनशील और गहरे चिंतनशील लेखक भी थे।
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