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लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए: ( अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द ) प्रो० जी० सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय एवं भाषा-शैली।

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प्रो० जी० सुन्दर रेड्डी का हिंदी भाषा के प्रचार में विशेष योगदान रहा। उनकी भाषा-शैली तर्कशील, शोधपरक और शुद्ध हिंदी व्याकरण पर आधारित थी।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

प्रो० जी० सुन्दर रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था। वे एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, हिंदी भाषा के विद्वान और साहित्यकार थे। उन्होंने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे दक्षिण भारत में हिंदी साहित्य को लोकप्रिय बनाने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे। उनका लेखन सटीक, प्रभावशाली और तर्कपूर्ण था। उनकी भाषा-शैली में शुद्ध हिंदी व्याकरण का अनुपालन मिलता है। उनके लेखन में तर्कशीलता, गहन अध्ययन और बौद्धिक चिंतन की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। वे हिंदी भाषा की समृद्धि के लिए आजीवन समर्पित रहे और उन्होंने इसके व्याकरण, साहित्य और प्रयोग पर महत्वपूर्ण कार्य किए। उनकी प्रमुख कृतियों में 'हिंदी साहित्य का विकास', 'भाषा और संस्कृति', तथा 'भारतीय साहित्य में हिंदी का योगदान' आदि शामिल हैं। उन्होंने हिंदी भाषा को दक्षिण भारत में एक सशक्त पहचान दिलाने का कार्य किया। उनके साहित्य में तार्किकता, गहन शोध और समाजोपयोगी विषयों की प्रधानता थी। हिंदी के प्रचार में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा।
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