Question:

लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए: ( अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द ) कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' का जीवन परिचय एवं भाषा-शैली।

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कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' के निबंध हिंदी साहित्य में प्रेरणादायक और समाजोपयोगी माने जाते हैं। उनकी भाषा में ओज, व्यंग्य और सादगी का अनूठा मेल था।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' का जन्म 1906 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में हुआ था। वे हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध निबंधकार, विचारक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनका लेखन भारतीय संस्कृति, समाज सुधार और राष्ट्रीय चेतना से ओतप्रोत था। उनकी रचनाओं में देशभक्ति, नैतिक मूल्यों और सामाजिक उत्थान की झलक मिलती है। उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों पर प्रहार किया और जनमानस को नैतिकता, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता का संदेश दिया। उनकी भाषा सहज, प्रवाहपूर्ण और भावनाओं से भरपूर थी। वे व्यंग्य और प्रेरणादायक शैली के लिए प्रसिद्ध थे, जिससे उनकी रचनाएँ पाठकों के हृदय को गहराई तक प्रभावित करती थीं। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में 'कलम के चमत्कार', 'मानवता की धरोहर', 'हम कहाँ जा रहे हैं' आदि शामिल हैं। उनके निबंधों में समाज के प्रति जागरूकता और भारतीय संस्कृति का गौरव झलकता है। वे हिंदी भाषा के समर्थक थे और जीवनभर उसके प्रचार-प्रसार में जुटे रहे। उनके साहित्य ने समाज और राष्ट्र को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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