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लेखक का जीवन-परिचय देते हुए उनकी भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए: (अधिकतम शब्द - सीमा 80 शब्द) श्री हरिशंकर परसाई 
 

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हरिशंकर परसाई का लेखन समाज के कुकृतियों और असत्यताओं को उजागर करता था। वे न केवल एक व्यंग्यकार थे, बल्कि समाज को बेहतर बनाने के लिए उनका कार्य भी प्रेरणादायक था।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

श्री हरिशंकर परसाई का जन्म 1924 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में हुआ था। वे हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक, व्यंग्यकार और निबंधकार थे। उनका लेखन समाज की विभिन्न कुरीतियों, विडंबनाओं और राजनीतिक असत्यताओं पर तीव्र और पैने व्यंग्य के रूप में होता था। उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ "रानी नागफनी की कहानी," "वह चाँद है," और "कहानी का अंत" हैं, जिनमें उन्होंने समाज के भेदभाव और असमानता को चित्रित किया है। उनके लेखन में सशक्त सामाजिक संदेश और मानवीय मूल्यों का संरक्षण होता था। परसाई जी ने अपनी रचनाओं में जीवन के सरल, लेकिन कठिन पहलुओं को उठाया और समाज के सामने रखा। उनका व्यंग्य न केवल हास्य उत्पन्न करता था, बल्कि यह समाज को आइना दिखाता था। वे हिंदी साहित्य के सबसे सशक्त व्यंग्यकारों में से एक माने जाते हैं। उनकी भाषा सरल, तीव्र और प्रभावशाली थी, जो समाज की कुरीतियों और दुरावस्थाओं की ओर पाठकों का ध्यान आकर्षित करती थी। उनकी रचनाएँ समाज की जागरूकता और सुधार के लिए एक सशक्त माध्यम रही हैं।
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