Question:

कवि का जीवन-परिचय देते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताओं को लिखिए: ( अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द )महादेवी वर्मा

Show Hint

महादेवी वर्मा की कविताएँ हिंदी साहित्य में संवेदना, नारी चेतना और छायावाद का प्रतीक हैं। उन्होंने हिंदी गद्य साहित्य में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
Updated On: Nov 14, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च 1907 को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में हुआ था। वे हिंदी साहित्य की महान कवयित्री और छायावाद की प्रमुख स्तंभ थीं। उनकी कविताएँ संवेदनशीलता, करुणा और रहस्यवाद से ओत-प्रोत हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से नारी चेतना, मानवीय संवेदना और आध्यात्मिकता को अभिव्यक्ति दी।
उनकी साहित्यिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
छायावादी कवयित्री – उनके काव्य में प्रकृति और करुणा का सुंदर चित्रण मिलता है।
नारी संवेदना – उनकी रचनाएँ नारी जीवन की समस्याओं और उनकी संवेदनशीलता को दर्शाती हैं।
भाषा-शैली – कोमल, गंभीर और काव्यात्मक भाषा का प्रयोग।
दार्शनिकता और रहस्यवाद – उनके काव्य में गहरी दार्शनिकता और आत्मानुभूति का भाव दिखाई देता है।
चित्रात्मकता – उनकी कविताओं में अत्यंत सजीव बिंबों और प्रतीकों का प्रयोग हुआ है।
गद्य साहित्य में योगदान – उन्होंने अपनी आत्मकथात्मक रचनाओं और संस्मरणों के माध्यम से हिंदी गद्य साहित्य को भी समृद्ध किया।
लोकप्रिय रचनाएँ'यामा', 'नीरजा', 'संध्यागीत', 'दीपशिखा', 'अतीत के चलचित्र', 'स्मृति की रेखाएँ' आदि।
सम्मान और पुरस्कार – उन्हें 1934 में 'नीरजा' के लिए सेकसरिया पुरस्कार, 1956 में पद्म भूषण, 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1982 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

महादेवी वर्मा न केवल एक उत्कृष्ट कवयित्री थीं, बल्कि समाज सुधारक और शिक्षाविद भी थीं। वे प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या रहीं और उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। 11 सितंबर 1987 को उनका निधन हुआ, लेकिन उनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य में आज भी जीवंत बनी हुई हैं।
Was this answer helpful?
0
0

Top Questions on हिंदी साहित्य

View More Questions