Question:

केवल बाज़ार का पोषण करने वाले अर्थशास्त्र को लेखक ने अनैतिकशास्त्र क्यों कहा है ? बाज़ार दर्शन पाठ के आधार पर लिखिए।

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‘बाज़ार दर्शन’ में लेखक की वैचारिक दृष्टि ज़रूर जोड़ें।
Updated On: Jul 31, 2025
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Solution and Explanation

‘बाज़ार दर्शन’ पाठ में लेखक ने बताया है कि आज का अर्थशास्त्र केवल बाज़ार की माँग और पूर्ति को ही महत्व देता है — उसमें नैतिकता, सामाजिक जिम्मेदारी और उपभोक्ता हित की चिंता नहीं होती।
जब अर्थशास्त्र केवल लाभ कमाने, मुनाफ़ा बढ़ाने और उपभोक्ताओं को आकर्षित करने तक सीमित रह जाता है, तो यह नैतिक मूल्यों की अनदेखी करता है।
इसलिए लेखक ने कहा है कि ऐसा अर्थशास्त्र ‘अनैतिकशास्त्र’ बन जाता है — जिसमें मानवता, पर्यावरण और समाज के दीर्घकालिक हित गौण हो जाते हैं।
वास्तविक अर्थशास्त्र को केवल बाज़ार नहीं, बल्कि मानव और समाज का भी ध्यान रखना चाहिए — तभी वह नैतिक और सच्चा अर्थशास्त्र कहलाएगा।
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