Question:

कान्ट के ज्ञान सम्बन्धी विचार को कहते हैं— 
 

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सूत्र: Kant = Critiqueसमीक्षावाद; ज्ञान = अनुभव की सामग्री + a priori रूप/श्रेणियाँ (संश्लेषणात्मक प्रागनुभविक)।
  • अनुभववाद
  • बुद्धिवाद
  • समीक्षावाद
  • इनमें से कोई नहीं
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collegedunia
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

चरण 1: पद की पहचान।
कान्ट ने अपने ज्ञान-दर्शन को Critique (आलोचना/समीक्षा) कहा—इसलिए उसके ज्ञान सम्बन्धी विचारों के लिए समीक्षावाद (आलोचनात्मक दर्शन) शब्द प्रयुक्त होता है। उद्देश्य था: ज्ञान की सीमाएँ, स्रोत और वैधता का समीक्षात्मक परीक्षण
चरण 2: सिद्धान्त का सार।
कान्ट अनुभववाद और बुद्धिवाद का समन्वय करता है: संवेदना सामग्री देती है, बुद्धि अपने a priori रूपों (स्थान-काल) और श्रेणियों (जैसे कारणता) से उसे रूप देती है। इस प्रकार प्रमुख ज्ञान संश्लेषणात्मक प्रागनुभविक रूप में सम्भव होता है। वह प्रतीति/वस्तु-स्वरूप भेद भी करता है—ज्ञान केवल प्रतीतियों तक सीमित है, नौमेनन का सैद्धान्तिक ज्ञान नहीं। यह समूची पद्धति समीक्षात्मक है, इसीलिए इसे समीक्षावाद कहा जाता है।
चरण 3: अन्य विकल्प क्यों नहीं?
(1) अनुभववाद और (2) बुद्धिवाद एकांगी सिद्धान्त हैं; कान्ट न तो केवल अनुभववादी है न केवल बुद्धिवादी, बल्कि आलोचनात्मक समन्वयवादी है। अतः सही उत्तर समीक्षावाद
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