Question:

‘जुएँ’ कहानी में कक्षा के प्रथम दिन आनंद के साथ उसके सहपाठियों द्वारा की जाने वाली शरारतों का उल्लेख किया गया है। इस प्रकार की जाने वाली शरारतों के प्रति अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए लिखिए कि वर्तमान समय में उनमें क्या परिवर्तन आया है।

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बचपन की घटनाओं के मूल्यांकन में केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएँ।
Updated On: Jul 30, 2025
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Solution and Explanation

‘जुएँ’ कहानी में आनंद एक नए विद्यालय में आता है, जहाँ पहले ही दिन उसके सहपाठियों द्वारा उसके सिर में जुएँ होने का आरोप लगाकर उसे उपहास का पात्र बना दिया जाता है। यह एक ऐसी बाल-सुलभ शरारत प्रतीत होती है जो न केवल अपमानजनक होती है बल्कि बच्चे की मानसिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकती है।
ऐसी शरारतों के पीछे आमतौर पर हास्य या मज़ाक होता है, लेकिन जब वह बार-बार और बिना कारण दोहराई जाती हैं तो वह ‘बुलिंग’ (bullying) बन जाती हैं, जिससे बच्चों में आत्महीनता, भय और असुरक्षा उत्पन्न होती है।
वर्तमान समय में इस तरह की शरारतों की गंभीरता को समझा जाने लगा है। विद्यालयों में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जा रहा है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नीतियाँ बनाई जा रही हैं। शिक्षक अब सतर्क रहते हैं कि कोई छात्र असामाजिक व्यवहार का शिकार न हो।
इस प्रकार, शरारतें यदि मर्यादा में हों तो दोस्ती और हास्य को जन्म देती हैं, लेकिन यदि वे अपमानजनक हों तो वे अत्यंत घातक साबित हो सकती हैं।
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