Comprehension

जन्म लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के भरण-भोषण की, उसके शिक्षण की जिससे वह समाज के एक जिम्मेदार घटक के नाते अपना योगदान करते हुए अपने विकास में समर्थ हो सके, उसके लिए स्वस्थ एवं क्षमता की अवस्था में जीविकोपार्जन की ओर यदि किसी भी कारण वह सम्भव न हो तो भरण- पोषण की तथा उचित अवकाश की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी समाज की है। प्रत्येक सभ्य समाज इसका किसी न किसी रूप में निर्वाह करता है। प्रगति के यही मुख्य मानदण्ड हैं। अतः न्यूनतम जीवन स्तर की गारंटी, शिक्षा, जीविकोपार्जन के लिए रोजगार, सामाजिक हमें मूलभूत अधिकार के रूप में स्वीकार करना होगा।

Question: 1

उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए।

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किसी भी गद्यांश का अध्ययन करते समय उसके शीर्षक और केंद्रीय विचार को समझना आवश्यक होता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक 'समाज की जिम्मेदारी' है और इसके लेखक (लेखक का नाम) हैं। इस गद्यांश में व्यक्ति के समग्र विकास में समाज की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।
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Question: 2

रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

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समाज का कर्तव्य है कि वह प्रत्येक व्यक्ति को जीवनयापन के आवश्यक संसाधन और अवसर प्रदान करे।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

रेखांकित अंश का तात्पर्य यह है कि समाज की जिम्मेदारी केवल व्यक्ति के जन्म से लेकर उसके पालन-पोषण तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसके शिक्षा, रोजगार, और जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को भी सुनिश्चित करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश जीविकोपार्जन करने में असमर्थ हो जाता है, तो समाज को उसकी सहायता करनी चाहिए ताकि वह सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सके। यह किसी भी सभ्य समाज की पहचान होती है।
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Question: 3

लेखक के अनुसार मनुष्य के विकास में समाज की क्या भूमिका है?

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समाज और व्यक्ति एक-दूसरे के पूरक होते हैं। समाज व्यक्ति के विकास में सहायक होता है, और व्यक्ति समाज के निर्माण में योगदान देता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

लेखक के अनुसार मनुष्य के विकास में समाज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। समाज को व्यक्ति के पालन-पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और जीवन की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में सहयोग देना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश अपने जीवन-यापन में असमर्थ हो जाता है, तो समाज को उसके लिए भरण-पोषण और सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए।
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Question: 4

मनुष्य की प्रगति के मुख्य मानदण्ड क्या हैं?

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मनुष्य की प्रगति का आकलन केवल आर्थिक विकास से नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, और जीवन की गुणवत्ता से भी किया जाता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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मनुष्य की प्रगति के मुख्य मानदण्ड निम्नलिखित हैं:
न्यूनतम जीवन स्तर की गारंटी
शिक्षा
जीविकोपार्जन के लिए रोजगार के अवसर
सामाजिक सुरक्षा और न्याय
समाज में व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करना
इन मानदण्डों के आधार पर ही किसी समाज की प्रगति को आँका जा सकता है।
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Question: 5

लेखक के अनुसार मनुष्य के मूल अधिकार क्या होने चाहिए?

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मूलभूत अधिकार प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा और स्वतंत्रता से जीने का अवसर प्रदान करते हैं, जो किसी भी लोकतांत्रिक समाज की पहचान है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

लेखक के अनुसार मनुष्य के मूल अधिकार निम्नलिखित होने चाहिए:
न्यूनतम जीवन स्तर की गारंटी
सभी के लिए शिक्षा
रोजगार के समान अवसर
सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था
सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार
इन अधिकारों को मूलभूत अधिकारों के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए ताकि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन को सम्मान और गरिमा के साथ व्यतीत कर सके।
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