Question:

झोंपड़ी जला दिए जाने के बाद भी सूरदास का किसी से प्रतिशोध न लेना, उसके स्वभाव की किस विशेषता को दर्शाता है? सूरदास जैसे चरित्र की वर्तमान समय में क्या प्रासंगिकता है? 
 

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प्रतिशोध से अधिक प्रभावी होता है — मौन विरोध और करुणा की प्रतिक्रिया।
Updated On: Jul 24, 2025
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Solution and Explanation

सूरदास एक दृष्टिहीन परंतु अंतरदृष्टि से संपन्न पात्र है, जो समाज की संवेदनहीनता और अराजकता के बीच भी शांति और करुणा की मूर्ति बना रहता है। उसकी झोंपड़ी जला दी जाती है, पर वह न तो क्रोधित होता है, न ही किसी से प्रतिशोध लेता है।
विशेषता: (1) यह स्वभाव उसकी आत्म-संयम, क्षमा और सहिष्णुता की विशेषता को दर्शाता है।
(2) वह ग़लत के विरुद्ध हिंसा का रास्ता नहीं अपनाता, बल्कि सामाजिक सजगता को अपना हथियार बनाता है।
(3) उसकी प्रतिक्रिया “शब्दहीन विरोध” है, जो अधिक मार्मिक और प्रभावशाली है।
वर्तमान समय में प्रासंगिकता: (1) आज जब समाज में असहिष्णुता, बदले की भावना और आक्रोश की प्रवृत्ति बढ़ रही है, सूरदास जैसे पात्र संवेदनशील सहनशीलता के प्रतीक बनते हैं।
(2) वह हमें सिखाता है कि बदलाव आक्रोश से नहीं, धैर्य और सहिष्णुता से आता है।
निष्कर्ष: सूरदास का चरित्र आधुनिक समाज में नैतिक साहस, सहनशीलता और विवेकपूर्ण व्यवहार की प्रेरणा देता है।
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