Question:

'जहाँ उपमेय में उपमान की समानता प्रकट की जाए' वहाँ अलंकार होता है : 
 

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उपमा, रूपक और उत्प्रेक्षा अलंकारों के बीच के सूक्ष्म अंतर को समझें। उपमा में 'तुलना/समानता' होती है (सा, जैसा), रूपक में 'अभेद आरोप' होता है (उपमेय ही उपमान है), और उत्प्रेक्षा में 'संभावना' होती है (मानो, जानो)।
Updated On: Nov 10, 2025
  • उपमा
  • रूपक
  • उत्प्रेक्षा
  • सन्देह
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Question:
प्रश्न में उस अलंकार की परिभाषा दी गई है जहाँ उपमेय और उपमान में समानता दिखाई जाती है और हमें उस अलंकार का नाम बताना है।
Step 2: Key Concept:
उपमेय: जिसकी तुलना की जाए (जैसे - मुख)।
उपमान: जिससे तुलना की जाए (जैसे - चन्द्रमा)।
Step 3: Detailed Explanation:
(A) उपमा अलंकार: जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे प्रसिद्ध व्यक्ति या वस्तु से गुण, धर्म या क्रिया के आधार पर की जाती है, तो वहाँ उपमा अलंकार होता है। इसमें समानता वाचक शब्दों (जैसे - सा, सम, सरिस, जैसा) का प्रयोग होता है। यह दी गई परिभाषा से मेल खाता है। उदाहरण: 'मुख चन्द्रमा-सा सुन्दर है'।
(B) रूपक अलंकार: यहाँ उपमेय पर उपमान का अभेद आरोप होता है, यानी उपमेय को उपमान का रूप ही दे दिया जाता है। उदाहरण: 'मुख-चन्द्रमा'।
(C) उत्प्रेक्षा अलंकार: यहाँ उपमेय में उपमान की संभावना या कल्पना की जाती है। इसमें 'मनु', 'मानो', 'जनु', 'जानो' जैसे शब्दों का प्रयोग होता है।
(D) सन्देह अलंकार: जब सादृश्य के कारण उपमेय में उपमान का सन्देह बना रहे और निश्चय न हो पाए।
Step 4: Final Answer:
अतः, दी गई परिभाषा उपमा अलंकार की है।
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