Question:

'जयशंकर प्रसाद' का जीवन-परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए:

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जयशंकर प्रसाद का साहित्य केवल भावनाओं से भरा नहीं था, बल्कि उसमें भारतीय समाज, संस्कृति और नारी के आत्म-संस्कार का संदेश भी था। उनकी कविताओं ने भारतीय साहित्य को नया रूप दिया।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

जयशंकर प्रसाद का जन्म 1889 में हुआ था। वे हिंदी साहित्य के सबसे महान कवियों और नाटककारों में से एक माने जाते हैं। वे छायावाद के प्रमुख कवि थे, जिन्होंने अपनी काव्यशैली और नाटकों के माध्यम से हिंदी साहित्य में एक नया मोड़ दिया। उनकी रचनाएँ प्रेम, सौंदर्य, और आत्मबोध से भरपूर होती थीं। 'कुंअरमोहल्ला', 'आत्माराम', 'स्कंदगुप्त', 'झरना' जैसी उनकी प्रमुख कृतियाँ भारतीय साहित्य में अमूल्य धरोहर मानी जाती हैं। प्रसाद जी का लेखन समाज के गहरे परिवर्तनों, भारतीय इतिहास और आत्मशक्ति के साथ जुड़ा था। उन्होंने साहित्य के माध्यम से भारतीय संस्कृति, समाज, और दर्शन के महत्व को व्यक्त किया। वे जीवन की संपूर्णता और सत्य की खोज में नायक के रूप में विद्यमान रहे। उनका साहित्य आज भी गहरी संवेदनाओं और विचारों का प्रतीक बना हुआ है।
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