Question:

‘जहाँ कोई वापसी नहीं’ पाठ के आधार पर औद्योगीकरण के माध्यम से हुए पर्यावरण विनाश और भावी संकट पर प्रकाश डालिए। 
 

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औद्योगीकरण और विकास के मुद्दों पर विचार करते समय पर्यावरणीय संतुलन, संसाधनों का संरक्षण और भावी पीढ़ियों की ज़िम्मेदारी को दृष्टिगत रखें।
Updated On: Jul 23, 2025
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Solution and Explanation

‘जहाँ कोई वापसी नहीं’ पाठ में लेखक ने आधुनिक सभ्यता द्वारा किए गए विकास को विनाशकारी बताया है। औद्योगीकरण के नाम पर नदियाँ गंदी कर दी गईं, जंगलों को साफ कर दिया गया, मिट्टी को बंजर बनाया गया और वनों के पशु-पक्षी समाप्त कर दिए गए।
लेखक का कहना है कि यह विकास नहीं, बल्कि एक ऐसी यात्रा है जहाँ से लौटना संभव नहीं। हमने प्रकृति को केवल उपभोग की वस्तु समझा और उससे जितना संभव हो सका, उसका दोहन किया। यह लालच अब मानवीय अस्तित्व के लिए संकट बनता जा रहा है।
भावी संकट यह है कि अगली पीढ़ियों को शुद्ध जल, शुद्ध वायु और हरियाली नहीं मिल पाएगी। वातावरण में विषैली गैसें, जल संकट, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता की हानि — यह सब हमारी वर्तमान नीतियों का ही परिणाम है।
पाठ में लेखक चेताते हैं कि यदि हमने समय रहते दिशा नहीं बदली, तो यह एक ऐसी स्थिति होगी जहाँ से कोई वापसी नहीं होगी।
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