Question:

निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए:
(i) विज्ञान: वरदान या अभिशाप 
(ii) प्रदूषण समस्या: कारण और निवारण 
(iii) अनुशासन का महत्त्व 
(iv) मेरा प्रिय कवि 
 

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बोर्ड परीक्षा में निबंध 250–300 शब्द का रखें; थीम–स्टेटमेंट पहली पंक्ति में, कार्य–उपाय अंत में लिखें।
Updated On: Oct 11, 2025
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Solution and Explanation

(i) विज्ञान: वरदान या अभिशाप — निबंध
प्रस्तावना: विज्ञान ने मानव-जीवन को गति, सुविधा और संभावना दी है; परंतु दुरुपयोग से वही शक्ति विनाश भी ला सकती है।
विज्ञान का वरदान: चिकित्सा में प्रगति (टीके, प्रत्यारोपण), संचार–क्रांति, परिवहन–विस्तार, कृषि–उत्पादन, अंतरिक्ष–अनुसंधान—सभी ने मानवता का क्षितिज बढ़ाया।
संभावित अभिशाप: परमाणु–शस्त्र, साइबर–अपराध, निजता–भंग, पर्यावरण–हानि, निर्जीव–मानवीय संबंध—ये दुष्परिणाम मानव–केंद्रित नैतिकता के अभाव से पैदा होते हैं।
समाधान: एथिक्स–बाई–डिज़ाइन, हर शोध में मानव–कल्याण की कसौटी, पर्यावरणीय नियमन, डिजिटल साक्षरता।
उपसंहार: विज्ञान स्वयं न ता वरदान, न अभिशाप—यह उपयोग का उपकरण है; सही उपयोग इसे वरदान बनाता है।
(ii) प्रदूषण समस्या: कारण और निवारण — निबंध
भूमिका: वायु, जल, ध्वनि और मृदा प्रदूषण आज वैश्विक संकट हैं।
मुख्य कारण: अनियंत्रित उद्योगीकरण, वाहनों की भीड़, पॉलीथिन/सिंगल–यूज़ प्लास्टिक, गंदे नालों का नदियों में गिरना, वन–क्षय।
परिणाम: श्वास–रोग, कैंसर–जोखिम, कृषि–उत्पादकता में गिरावट, जैव–विविधता का ह्रास, जल–संकट।
निवारण: स्वच्छ ऊर्जा, सार्वजनिक परिवहन, कचरा–विभाजन/रिसाइक्लिंग, अपशिष्ट–प्रबंधन, जलशोधन, वृक्षारोपण, कड़े पर्यावरण–क़ानून और नागरिक भागीदारी
उपसंहार: हरित विकास ही टिकाऊ भविष्य का मार्ग है—Reduce–Reuse–Recycle को जीवन–शैली बनाना होगा।
(iii) अनुशासन का महत्त्व — निबंध
परिचय: अनुशासन—नियमबद्ध जीवन का नाम; स्व–नियंत्रण इसका मूल है।
व्यक्तिगत स्तर: समय–पालन, लक्ष्य–निर्धारण, नियमित अभ्यास—यही सफलता का सूत्र।
सामाजिक/राष्ट्रीय स्तर: यातायात–नियम, कर–ईमानदारी, कर्तव्य–पालन—इनसे व्यवस्था और विकास सुनिश्चित होता है।
निष्कर्ष: स्व–अनुशासन बिना बाहरी दंड के सर्वोत्तम परिणाम देता है—यही सच्ची स्वतंत्रता है।
(iv) मेरा प्रिय कवि — (उदाहरण: सुमित्रानंदन पंत)
परिचय: छायावाद के अग्रणी; प्रकृति–सौंदर्य और मानवीय संवेदना के कवि।
काव्य–वैशिष्ट्य: कोमल चित्रात्मकता, संगीतात्मक लय, मानवीय करुणा; 'पल्लव', 'गुंजन' आदि संग्रह।
मुझे क्यों प्रिय: उनकी कविताएँ प्रकृति–प्रेम और मानव–मूल्यों को एक करती हैं; भाषा सरल, भाव गहन।
उपसंहार: पंत की काव्य–धारा आज भी रसमय प्रेरणा देती है—इसी कारण वे मेरे प्रिय हैं।
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