'हास्य' अथवा 'करुण' रस की परिभाषा लिखते हुए उसका एक उदाहरण दीजिए।
Step 1: रस-तत्त्व. रस = स्थायीभाव का रस-निष्पादन; विभाव–अनुभाव–व्यभिचारी का समुच्चय।
Step 2: किसी एक रस का ठोस उदाहरण. हास्य में उपहास/विदूषक; करुण में वियोग/विलाप—उदाहरण सहित लिखें।
Final Answer:
हास्य रस: विघ्न/विचित्र/उपहासजन्य स्थितियों से उत्पन्न आनन्द/हँसी की भावावस्था; स्थायीभाव—हास (हँसना); विभाव—हास-कारक कारण/वेषभूषा; अनुभाव—हँसना, दाँत दिखाना, अंगों का कम्पन इत्यादि।
उदाहरण: विदूषक का लतीफ़ा सुनकर सभा में सब जोर से हँस पड़े—हास्य रस व्यक्त।
(या) करुण रस: शोक/दुःख से उत्पन्न रस; स्थायीभाव—शोक; विभाव—वियोग, वध, पराभव; अनुभाव—आँसू, विषाद, निःश्वास आदि।
उदाहरण: भरत का राम-वनगमन पर विलाप—करुण रस।
Find the unknown frequency if 24 is the median of the following frequency distribution:
\[\begin{array}{|c|c|c|c|c|c|} \hline \text{Class-interval} & 0-10 & 10-20 & 20-30 & 30-40 & 40-50 \\ \hline \text{Frequency} & 5 & 25 & 25 & \text{$p$} & 7 \\ \hline \end{array}\]
Two concentric circles are of radii $8\ \text{cm}$ and $5\ \text{cm}$. Find the length of the chord of the larger circle which touches (is tangent to) the smaller circle.