द्वंद्व समास का एक उदाहरण दीजिए।
द्वंद्व समास संस्कृत और हिंदी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण समास प्रकार है, जिसमें दो या दो से अधिक समान या भिन्न अर्थ वाले शब्दों को मिलाकर एक नया समास शब्द बनाया जाता है। इस समास में शामिल सभी पद अपने-अपने अर्थ को समान रूप से बनाये रखते हैं। इसे संयुक्त शब्द भी कहा जाता है जहाँ प्रत्येक भाग की अपनी महत्ता होती है।
द्वंद्व समास के दो मुख्य प्रकार होते हैं – परस्पर द्वंद्व और अव्ययीभाव द्वंद्व। परस्पर द्वंद्व में सभी पदों का समान महत्व होता है और वे समान रूप से जोड़े जाते हैं।
उदाहरण के रूप में ‘राम-सीता’ लिया जा सकता है। इसमें ‘राम’ और ‘सीता’ दोनों शब्द बराबर के रूप में जुड़े हैं और दोनों का अपना-अपना अर्थ बना रहता है। यह समास दर्शाता है कि दोनों व्यक्ति साथ-साथ महत्वपूर्ण हैं।
इस प्रकार, ‘राम-सीता’ जैसे द्वंद्व समास का प्रयोग भाषा को संक्षिप्त, प्रभावी और अर्थपूर्ण बनाता है। ऐसे शब्दों से अभिव्यक्ति में स्पष्टता और समृद्धि आती है क्योंकि यह एक शब्द में दो स्वतंत्र विचारों को जोड़ देता है।
द्वंद्व समास के अन्य उदाहरण हैं: रात्रि-दिन, माता-पिता, सूरज-चाँद आदि, जो सामान्य बोलचाल और साहित्य में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं।
इसलिए द्वंद्व समास न केवल व्याकरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भाषा की सुंदरता और अर्थ की गहराई को बढ़ाने में भी सहायक है।
‘मेघला के आकार वाली पर्वत श्रृंखला ने पृथ्वी को चारों तरफ से घेर रखा है।’ – रेखांकित पदों की जगह उपयुक्त समस्तपद प्रस्तुत कीजिए तथा समास का नाम भी लिखिए।
'बेकाम' सामासिक पद का विग्रह करके भेद भी लिखिए।
'नवनिधि' समस्त पद किस समास का उदाहरण है और कैसे ?
'क्रांति से हीन' विग्रह का समस्त पद बनाकर भेद का नाम भी लिखिए।
ततारा ध्यान में मग्न होकर वामीरो का गाना सुन रहा था। इस वाक्य में रेखांकित पदों की जगह उपयुक्त समस्त पद लिखिए।
A hydrocarbon which does not belong to the same homologous series of carbon compounds is