'क्रांति से हीन' विग्रह का समस्त पद बनाकर भेद का नाम भी लिखिए।
‘क्रांति से हीन’ विग्रह का समस्त पद है – क्रांति से हीन होना।
इसका अर्थ होता है – क्रांति या बदलाव के प्रति असंवेदनशील या उससे वंचित होना।
भेद (विग्रह का प्रकार): यह समास-विग्रह है, जिसमें दो शब्द मिलकर एक विशेष अर्थ बनाते हैं। यहाँ 'क्रांति से' और 'हीन' मिलकर यह पद बना है।
यहाँ ‘हीन’ का अर्थ है – वंचित या बिना। इसलिए ‘क्रांति से हीन’ का मतलब है ‘क्रांति से वंचित’ या ‘क्रांति के बिना’।
‘स्वेतांबर’ समस्तपद का विग्रह कर्मधारय और बहुव्रीहि समास दोनों रूपों में कीजिए।
'राष्ट्रपतिः' इत्यस्य समस्तपदस्य विग्रहः अस्ति-
'त्रयाणां भुवनानां समाहारः' इत्यस्य समस्तपदम् अस्ति-
प्रथमां सूचीं द्वितीयया सूच्या सह मेलयत ।
| सूची-I | सूची-II |
|---|---|
| (A) दम्पती | (I) बहुव्रीहि-समासः |
| (B) शोकपतितः | (II) द्वन्द्वः-समासः |
| (C) उपराजम् | (III) तत्पुरुषः-समासः |
| (D) चन्द्रशेखरः | (IV) अव्ययीभाव-समासः |
अधोलिखितेषु विकल्पेषु उचिततमम् उत्तरं चिनुत -
‘मेघला के आकार वाली पर्वत श्रृंखला ने पृथ्वी को चारों तरफ से घेर रखा है।’ – रेखांकित पदों की जगह उपयुक्त समस्तपद प्रस्तुत कीजिए तथा समास का नाम भी लिखिए।

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