Question:

‘‘दुनिया से मेरा संबंध प्रतिकूलतः का है,’’ ‘आत्मपरिचय’ कविता के आधार पर कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

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ऐसे कथन में कवि के भाव, विरोध और वैचारिक दृष्टि अवश्य जोड़ें।
Updated On: Jul 31, 2025
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Solution and Explanation

‘आत्मपरिचय’ कविता में कवि ने अपनी व्यक्तिगत स्थिति के माध्यम से यह बताया है कि उसका संबंध दुनिया से सामान्य या अनुकूल नहीं है।
यहाँ कवि का आशय यह है कि संसार की रूढ़िवादी सोच, बनावटी संबंध और दिखावे के आडंबर उसके स्वभाव से मेल नहीं खाते।
वह अपने विचार, जीवन और आदर्शों में स्वतंत्र रहना चाहता है। दुनिया के साथ उसके संबंध में खिंचाव इसलिए बना रहता है क्योंकि वह झूठे मुखौटे पहनकर जीना नहीं चाहता।
कवि ने इस पंक्ति के माध्यम से अपनी वैचारिक स्वतंत्रता और समाज की पुरानी व्यवस्था के बीच अंतर स्पष्ट किया है। यह पंक्ति आत्मविश्वास, साहस और अलग पहचान का प्रतीक है।
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